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Goa Election: पर्रिकर के बेटे और BJP में क्यों खिंच गईं तलवारें, पणजी से पार्टी देगी टिकट या दूसरे दल बनेंगे सहारा

Goa Election 2022: पणजी सीट काफी सुर्खियों है. पणजी में शनिवार को उत्पल को घर-घर जाकर लोगों से उन्हें वोट देने की अपील करते देखा गया था. वो इसी सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं, जबकि गोवा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस इस पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं.

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Goa Assembly Election 2022
Goa Assembly Election 2022
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पणजी में उत्पल प्रचार करते नजर आए
  • BJP ने अभी तक उन्हें टिकट नहीं दिया
  • गोवा में 14 फरवरी को मतदान होना है

गोवा की सियासी जंग में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल बीजेपी के लिए नई चुनौती बन गए हैं. गोवा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और उनके बीच सियासी तलवारें खिंच गईं हैं. दोनों दिग्गजों के बीच टिकट को लेकर रार है. उत्पल को अभी बीजेपी से टिकट नहीं मिला है और वो पणजी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं, देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मनोहर पर्रिकर का बेटा होने से किसी को टिकट के लिए योग्य नहीं माना जा सकता है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी उत्पल को टिकट देगी या अन्य दूसरे राजनीतिक दल सहारा बनेंगे?   

दरअसल, पणजी सीट काफी सुर्खियों है. पणजी में शनिवार को उत्पल को घर- घर जाकर लोगों से उन्हें वोट देने की अपील करते देखा गया था. वो इसी सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं, जबकि गोवा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस इस पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं. फडणवीस का कहना था कि सिर्फ इसलिए कि कोई मनोहर पर्रिकर या किसी नेता का बेटा है, उसे बीजेपी के टिकट के योग्य नहीं माना जा सकता है. फडणवीस के बयान पर उत्पल ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी. 

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केवल जीतने की योग्यता ही मानदंड है?

उत्पल ने कहा कि था, 'गोवा में जिस तरह की राजनीति हो रही है, मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता. यह मुझे मंजूर नहीं है. उत्पल ने एक साक्षात्कार में कहा कि क्या फडणवीस कह रहे हैं कि केवल जीतने की योग्यता ही मानदंड है? चरित्र कोई मायने नहीं रखता? और आप एक ऐसे व्यक्ति को टिकट देने जा रहे हैं जिसका आपराधिक इतिहास है और हमें चुपचाप घर बैठना है?"  उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर बीजेपी इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए मौजूदा विधायक एटनैसियो मॉन्सरेट (Atanasio Monserrate) को पार्टी का टिकट देती है तो वह चुप नहीं बैठेंगे.

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उत्पल चुनाव लड़े तो मैं नहीं लड़ूंगी चुनाव

इस बीच गायक और सोशल एक्टिविस्ट हेमा सरदेसाई ने कहा कि “मुझे टीएमसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला है और अन्य दल समर्थन के लिए तैयार हैं. लेकिन अगर उत्पल चुनाव लड़ रहे हैं तो मुझे लड़ने की कोई जरूरत नहीं है. वह एक ऐसा चेहरा है जिसकी पणजी को जरूरत है.” 

केजरीवाल ने उत्पल को दिया AAP में शामिल होने का न्योता

ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की एंट्री से इस बार चुनाव ट्विस्ट हो रहा है. इस सियासी मिजाज को भांपते हुए अरविंद केजरीवाल ने उत्पल को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है. सूत्रों के मुताबिक, अगर बीजेपी उत्पल को टिकट नहीं देती है तो वे निर्दलीय भी मैदान में उतर सकते हैं. यदि ऐसी स्थिति बनती है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 

गोवा सरकार के मंत्री ने भी खड़े किए थे सवाल

बीते दिनों पहले गोवा सरकार में मंत्री माइकल लोबो ने अपनी ही बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अब ये पार्टी दूसरों से अलग नहीं रह गई है. उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी में दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के समर्थकों को ही नजरअंदाज किया जा रहा है. बीजेपी दूसरों से हटकर है, लेकिन अब ये वो पार्टी नहीं रह गई है और इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई अहमियत नहीं रह गई है. पार्टी के अंदर ही कई ऐसे समूह हैं जो पर्रिकर की विरासत को आगे ले जाने वाले को पसंद नहीं करते हैं. 

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क्या उत्पल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं?

बीते साल नवंबर में ये चर्चा थी कि उत्पल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद अटकले ये लगाई जाने लगीं कि उत्पल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. हालांकि अभी तक ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है, लेकिन उत्पल जिस तरह से पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलकर रखे हैं, उससे पार्टी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है. इससे पहले जुलाई 2019 में जब गोवा में राजनीतिक घटनाक्रम हुआ था तो उस वक्त उत्पल ने कहा था कि मनोहर पर्रिकर ने अपनी राजनीति में जो विश्वास का रास्ता स्थापित किया था वो समाप्त हो गया. उस वक्त कांग्रेस कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. 

गोवा में 14 फरवरी को मतदान 

गोवा में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चरण में मतदान होना है. इसके लिए पणजी सीट से पार्टी के मौजूदा विधायक अतानासियो मोनसेरेट का नाम टिकट के लिए सबसे आगे बताया जा रहा है. उत्पल पर्रिकर उनका विरोध कर रहे हैं. बता दें कि मनोहर पर्रिकर का निधन मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान साल 2019 में हो गया था. उनके बाद प्रमोद सांवत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था. 

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