दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार आक्रामक प्रचार किया जा रहा है. शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन को भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मुद्दा बना दिया है और इसके जरिए मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है. सोमवार को बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया और दावा किया कि ये दिल्ली के शहर काजी का बयान है. लेकिन सोशल मीडिया पर ही लोगों ने उनके इस दावे को गलत साबित कर दिया.
संबित पात्रा ने सोमवार को एक वीडियो साझा किया, उन्होंने इसके साथ लिखा कि, ‘वो जीना चाहते हैं और हमारे बच्चे मरने को तैयार है”. खतरनाक बहुत खतरनाक, इससे पहले कि देरी हो जाए, जाग जाइए. संबित पात्रा ने जो वीडियो साझा किया है उसमें लिखा है कि हम हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगे, शहर काजी दिल्ली’.
“वो जीना चाहते है और हमारे बच्चे मरने को तैयार है”
Dangerous very Dangerous..
Wake Up before it’s too late!! pic.twitter.com/g8bstexmnW
— Sambit Patra (@sambitswaraj) February 3, 2020
साझा किए गए वीडियो में जो शख्स हैं वो जमीयत उलमा-ए-हिंद के देहरादून महानगर अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी हैं, जो कि कह रहे हैं कि हम बच्चे उनसे कई ज्यादा ताकत रखते हैं...हम उस आदमी की औलाद हैं जिन्होंने यहूदियों को कहा था कि तुम्हारे पास दस लोग हैं जो जीना चाहते हैं, लेकिन हमारे पास एक शख्स है जो मरना चाहता है.
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Sabse bada gaddar to tu hai patra, Desh ko ladwana chahata hai, Tabrez ansari ke maamle me bol rahe hai, aur tu aag laga raha hai, sambit patra par FIR darz karo, yar tuje chronology samjana padega pic.twitter.com/405y01LZhO
— Mohammed Rafiq (@Mohamme53866431) February 3, 2020
गलती कर गए संबित पात्रा?
संबित पात्रा ने जिन काजी को दिल्ली का बताया है वो जमीयत उलमा-ए-हिंद के देहरादून महानगर अध्यक्ष हैं. साथ ही ये वीडियो दिल्ली चुनाव से जुड़ा हुआ नहीं है. ट्विटर पर संबित पात्रा के द्वारा साझा किए गए वीडियो के जवाब में लोगों इसका दावा किया है.
जून 2019 का है वीडियो?
ट्विटर पर ही जारी की गई जानकारी के अनुसार, ये वीडियो झारखंड में हुई तबरेज अंसारी की लिंचिंग की घटना के बाद का है. जून, 2019 में तबरेज अंसारी की लिंचिंग हो गई थी, उसके बाद जुलाई में जब इस मसले पर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा था. तब देहरादून में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने ये बयान दिया था, जो अब संबित पात्रा ने साझा किया है.
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इस बयान को लेकर जुलाई 2019 में ही मुफ्ती रईस अहमद कासमी पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था. इस बयान को सौहार्द को बिगाड़ने वाला करार दिया गया था, जिसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी. कई फेसबुक पेज पर भी इस वीडियो तो उस वक्त साझा किया गया था.