दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोर-शोर से चल रहा है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पूरा दम लगा दिया है. दिलचस्प बात ये है कि केजरीवाल के कैंपेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तरीकों का अक्स दिखाई दे रहा है.
2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार पुरानी सरकारों को देश की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. साथ ही पीएम मोदी यह भी कहते रहे हैं कि वो निरंतर विकास और तरक्की के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन 70 साल की नाकामी से देश को उबारने में और वक्त लगेगा.
फॉर्मूला नंबर 1- 70 साल
पीएम मोदी का यह अंदाज अरविंद केजरीवाल के बयानों में भी सुनाई दे रहा है. नई दिल्ली सीट से नामांकन के बाद प्रचार में उतरे अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (22 जनवरी) को कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली की जनता के लिए बहुत काम किए हैं, लेकिन 70 साल से अधूरे पड़े कामों को पूरा करने के लिए पांच साल काफी नहीं थे, इसके लिए अभी और वक्त चाहिए. यानी पांच साल बेमिसाल बताने वाली आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार अब जब फिर से चुनावी मैदान में है तो दिल्ली की तरक्की के लिए जनता से और वक्त की मांग कर रही है.
फॉर्मूला नंबर 2- सबका मकसद मुझे हराना
सीएम अरविंद केजरीवाल ने 21 जनवरी को नामांकन से पहले एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि एक तरफ भाजपा, जेडीयू, एलजेपी, जेजेपी, कांग्रेस और आरजेडी है जबकि दूसरी तरफ स्कूल, अस्पताल, पानी, बिजली, फ्री महिला यात्रा और दिल्ली की जनता है. केजरीवाल ने ये भी लिखा, 'मेरा मकसद भ्रष्टाचार को हराना और दिल्ली को आगे ले जाना है, जबकि उनका मकसद मुझे हराना है.'
केजरीवाल का यह बयान कुछ ऐसा ही है, जैसा पीएम मोदी अपने विरोधियों के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं. कई मौकों पर पीएम मोदी विपक्षी एकजुटता को चुनौती देते हुए ये कह चुके हैं कि वो सिर्फ मोदी को हराना चाहते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार में भी इसकी गूंज सुनाई दे चुकी है और पीएम मोदी कह चुके हैं कि मैं आतंकवाद, गरीबी और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करता हूं और विपक्ष मोदी को हटाने पर तुला है.
सिर्फ मोदी ही नहीं, बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम नेता ये कह चुके हैं कि हर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना चाहता है.
फॉर्मूला नंबर 3- गारंटी कार्ड
केंद्र की सत्ता में पीएम मोदी के आने के बाद बीजेपी ने चुनावी वादों की परंपरा को भी बदला है. पार्टी की तरफ से अब घोषणा पत्र की बजाय संकल्प पत्र जारी किया जाता है. इसी संकल्प पत्र में बीजेपी अपने चुनावी वादों और घोषणाओं को शामिल करती है.
इसी तर्ज पर अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है. केजरीवाल ने चुनाव वादों के लिए एक गारंटी कार्ड जारी किया है, जिसमें 10 वादे किए गए हैं. केजरीवाल ने गारंटी कार्ड जारी करते हुए बताया है कि यह कार्ड घोषणा पत्र से भी दो कदम ऊपर है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का घोषणा पत्र भी आएगा. लेकिन गारंटी कार्ड लाकर केजरीवाल ने मौजूदा चुनाव में एक नया फॉर्मूला पेश कर दिया है और लोगों को इन 10 वादों को पूरा करने की गारंटी दी है.
इस लिहाज से अगर देखा जाए तो सबसे असरदार राजनेता और वक्ता माने जाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी जिन तरीकों को अपने चुनावी कैंपेन में अपनाते आए हैं, कुछ मायनों में उसी राह पर अरविंद केजरीवाल भी चलते दिखाई दे रहे हैं.