बिहार की मोतिहारी सीट पर 55.05 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले. मोतिहारी विधानसभा सीट पर कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के ओम प्रकाश चौधरी और भारतीय जनता पार्टी के प्रमोद कुमार के बीच है.
मोतिहारी विधानसभा सीट पर इस बार कुल 21 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें 20 आवेदन सही पाए गए. जबकि 1 की उम्मीदवारी खारिज हो गई. इस तरह से इस सीट पर 14 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. मोतिहारी सीट पर तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान कराए गए. बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान हुआ तो दूसरे चरण में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई जबकि तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान हुआ. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.
मोतिहारी विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या 19 है. यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है और यह पूर्वी चंपारण (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा भी है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद मोतिहारी विधानसभा सीट में मोतिहारी सामुदायिक विकास केंद्र के साथ-साथ मोतिहारी नगर परिषद और लौटनाहा तथा पिपरीकोठी सामुदायिक विकास केंद्र को शामिल किया गया.
2008 में परिसीमन के बाद यह पूर्वी चंपारण संसदीय सीट में शामिल हो गया, जबकि इससे पहले यह मोतिहारी लोकसभा सीट का हिस्सा हुआ करता था. शुरुआती दौर में यह सीट अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, लेकिन बाद में यह सामान्य वर्ग की सीट हो गई. 1957 से लेकर लगातार 3 चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल कर हैट्रिक लगाई. 1967 को छोड़ दिया जाए तो 1969 से लेकर 1980 तक एक बार फिर जीत की हैट्रिक लगाते हुए कांग्रेस ने लगातार 4 जीत हासिल की.
बीजेपी की लगातार 4 जीत
1985 से लेकर 1995 तक मोतिहारी सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी जीत की हैट्रिक बनाई और त्रिवेणी कुमार विधायक बने. 2000 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल की रमा देवी ने जीत हासिल की. राष्ट्रीय जनता दल की इस सीट से पहली और आखिरी जीत रही क्योंकि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी लगातार 4 चुनाव में जीत हासिल की. बीजेपी के प्रमोद कुमार लगातार 4 बार विधायक बने.
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मोतिहारी विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर कुल 2,91,214 मतदाता थे जिसमें 1,57,469 पुरुष और 1,33,736 महिला मतदाता शामिल थे. 2,91,214 में से 1,68,493 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमें 1,65,904 वोट वैध माने गए. इस सीट पर 57.9% मतदान हुआ था. जबकि नोटा के पक्ष में 2,589 लोगों ने वोट किया था.
प्रमोद को मिले थे 47.5 फीसदी वोट
मोतिहारी विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रमोद कुमार ने जीत हासिल की थी. उन्होंने एक बेहद रोमांचक मुकाबले में राष्ट्रीय जनता दल के बिनोद कुमार श्रीवास्तव को 2,589 मतों के अंतर से हराया था. प्रमोद कुमार को 47.5% वोट मिले जबकि बिनोद कुमार श्रीवास्तव को 36.5% वोट हासिल हुए. तीसरे नंबर पर रहे निर्दलीय मनोज कुमार को महज 7,619 वोट यानी 4.5 फीसदी वोट मिला. इस सीट पर 10 उम्मीदवार मैदान में थे.
विधायक प्रमोद कुमार की शिक्षा के बारे में बात करें तो वह ग्रेजुएट हैं और 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर 7 आपराधिक केस दर्ज हैं. उनके पास 2,83,10,109 रुपये की संपत्ति है, जबकि उन पर 7,26,500 रुपये की देनदारी है.