बिहार के मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट पर पूर्व कांग्रेसी नेता की एंट्री ने जेडीयू और आरजेडी प्रत्याशियों की मुश्किल बढ़ा दी है. अभी तक ये दोनों ही टक्कर में थे, लेकिन कांग्रेस की राजनीति में कभी सक्रिय रहे नेता के निर्दलीय चुनाव मैदान में आने से इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है.
मुंगेर की तारापुर विधानसभा की बात करें, तो यहां वैसे तो कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन 1990 के बाद ये सीट कांग्रेस के खाते से चली गई. फिलहाल इस सीट से जेडीयू के डॉ. मेवालाल चौधरी विधायक हैं. बिहार चुनाव 2020 में जेडीयू ने एक बार फिर मेवालाल चौधरी पर दांव लगाया है. वहीं आरजेडी ने इस विधानसभा से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव की बेटी दिव्या प्रकाश को टिकट दिया है.
अभी तक माना ये जा रहा था कि इस सीट पर आरजेडी और जेडीयू के बीच मुकाबला है, लेकिन इस बीच पूर्व कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा की एंट्री ने सभी को चौंका दिया है. राजेश मिश्रा इस सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. राजेश मिश्रा की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है.
364 गांव आते हैं इस विधानसभा में
तारापुर विधानसभा वैसे तो जुमई संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन ये सीट मुंगेर जिले में आती है. इस विधानसभा में कुल 3 लाख 15 हजार 880 वोटर हैं. इस विधानसभा में 364 गांव आते हैं. जबकि इस विधानसभा से कुल 25 प्रत्याशी मैदान में हैं.
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ये बोले प्रत्याशी
कभी कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने वाले राजेश मिश्रा ने अचानक चुनाव मैदान में उतरकर सभी को चौंका दिया है. राजेश मिश्रा का कहना है कि वे रोजगार की तलाश में विदेश चले गए थे, लेकिन किसी को रोजगार के लिए अपना देश न छोड़ना पड़े, इसलिए चुनाव मैदान में उतरे हैं.
उन्होंने बताया कि जीतने के बाद बिहार में बड़ी कंपनियों को लाने का प्रयास करेंगे, जिससे यहां के लोगों को आसानी से रोजगार मिल सके. वहीं आरजेडी प्रत्याशी दिव्या प्रकाश का कहना है कि ये चुनाव विकास के मुद्दे पर है.
(रिपोर्ट- गोविंद कुमार)
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