
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बरुराज सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं. बरुराज विधानसभा सीट पर कांटे की सियासी लड़ाई इस बार विधानसभा चुनाव में देखी गई. इस विधानसभा सीट पर 3 नवंबर 2020 को मतदान हुआ. इस सीट पर इस बार आरजेडी के नंद कुमार राय, बीजेपी के अरुण कुमार सिंह मैदान में हैं. इस सीट पर 60.93 फीसदी मतदान हुआ. इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की. बीजेपी के अरुण कुमार को 87407 वोट हासिल हुए हैं. वहीं आरजेडी को 43753 वोट मिले हैं. इसके अलावा बीएसपी के हीरालाल खड़िया को अब तक 22650 वोट मिले हैं.
साल 2015 में बरुराज विधानसभा सीट से आरजेडी के नंद कुमार राय ने जीत हासिल की थी. उन्होंने 4909 वोटों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण कुमार सिंह को मात दी थी. वहीं साल 2010 में भी बरुराज सीट पर आरजेडी ने जीत हासिल की थी. हालांकि 2010 में ब्रिज किशोर सिंह बरुराज सीट से आरजेडी की टिकट पर विधायक चुने गए थे. ऐसे में इस बार आरजेडी के पास इस सीट से हैट्रिक लगाने का मौका है.

बरुराज विधानसभा सीट
बरुराज विधानसभा बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित है और वैशाली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल 430316 आबादी में से 93.36% ग्रामीण है और 6.64% शहरी आबादी है. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या में से क्रमशः 12.88 और 0.07 है. 2019 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 271213 मतदाता और 283 मतदान केंद्र हैं.
2015 विधानसभा चुनाव
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने बरुराज सीट से नंद किशोर राय को टिकट दी थी. 2015 का चुनाव महागठबंधन बनाम एनडीए लड़ा गया था. महागठबंधन में आरजेडी 2015 में बरुराज सीट को बचाने में कामयाब रहा. इस चुनाव में आरजेडी के नंद कुमार राय को 68011 वोट हासिल हुए. जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के उम्मीदवार अरुण कुमार सिंह को 63102 वोट मिले. वहीं तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वोट नोटा को मिले. जनता ने 6208 वोट नोट को दिए. साल 2015 में कुल 258458 मतदाता थे और 155927 लोगों ने मतदान किया. 2015 के विधानसभा चुनावों में यहां 60.36% मतदान हुआ था. 2015 में बीजेपी को 40.47% और आरजेडी को 43.62% वोट मिले.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बरुराज विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से लगातार 1951, 1957, 1962 तक तीन बार रामचंद्र प्रसाद साही इस सीट से विधायक रहे हैं. हालांकि 1967 के चुनाव में उनको हार मिली लेकिन 1969 के चुनाव में एक बार फिर रामचंद्र ने जीत हासिल की. इसके बाद लगातार चार चुनाव 1985, 1990, 1995, 2000 तक इस सीट पर शशि कुमार राय विधायक बने. हालांकि 1985 से शशि एलकेडी की टिकट पर जीते. शशि ने 1990 और 1995 का चुनाव जनता दल की टिकट पर जीता. इसके बाद 2000 और अक्टूबर 2005 का चुनाव जेडीयू की टिकट पर जीता. हालांकि 2010 के बिहार चुनाव से इस सीट पर आरजेडी का कब्जा है.