बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग में अब कुछ दिन बाकी हैं. नेता अपने-अपने तरीके से वोटरों को लुभाने में लगे हैं. इन दिनों मुजफ्फरपुर के विधायक और नगर विकास मंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर स्ट्रीट लाइट का फोटो लगाया, जो चर्चा में है. विपक्ष के नेता इसे फर्जी बता रहे हैं. कह रहे हैं कि ये फोटो दिल्ली-मुबंई का हो सकता है, यहां का तो नहीं है. (इनपुट- मणिभूषण शर्मा)
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने फेसबुक और ट्विटर पर एक स्ट्रीट लाइट लगी सुंदर सड़क की फोटो लगाई है. जिस पर सुरेश शर्मा ने कहा कि नगर विकास का यह एक बड़ा अचीवमेंट हैं. लेकिन मुजफ्फरपुर में जहां लाइट्स लगी हैं, वहां की तस्वीर ली गई तो नजारा कुछ और ही निकला. इस फोटो का एक अलग अंग्रेजी साइट ने 22 मार्च 2017 को ही उपयोग किया था, जो ऊपर लगे फोटो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. ये फोटो गूगल से उठाकर लगा दी गई है. सोशल मीडिया पर लोग बता रहे हैं कि यह इंदौर की फोटो है.
मंत्री सुरेश शर्मा ने दोबारा फोटो अपडेट की. उसपर एक अलग पुल दिखाया गया है. जिसके ऊपर एलईडी लाइट्स चमक रही हैं. लेकिन मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यह पुल हैदराबाद का बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर इसे हैदराबाद के बैरमालगुड़ा जंक्शन पर बना ब्रिज कहा जा रहा है. लेकिन जब नगर विकास मंत्री से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में 5 लाख एलईडी लगाने हैं. जिसके तहत 4.50 लाख एलईडी अभी तक लग चुकी हैं. मुजफ्फरपुर में भी 14 हजार एलईडी लगाई गई हैं.
जब इस तस्वीर के बारे में विपक्षी पार्टी आरजेडी नेता वाशिम अहमद मुन्ना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्ट्रीट लाइट तो मुजफ्फरपुर में कुछ लगी हैं लेकिन उनमें से कुछ जलती हैं कुछ बुझती हैं. अब इस तस्वीर की बात करें तो सपने जैसा है यह मुंबई दिल्ली कि तस्वीर हो सकती है. वैसे भी चुनाव के समय विधायक इसी तरह का कुछ बड़ा शिगूफा लेकर जनता को बरगलाते हैं.
बहरहाल मंत्री सुरेश शर्मा के ट्विटर पर लगाई स्ट्रीट लाइट की तस्वीर ने एक बार फिर मुजफ्फरपुर का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. जहां मंत्री शर्मा इसे एक बड़ा अचीवमेंट मान रहे हैं, वहीं विपक्षी पार्टी इसे चुनावी शिगूफा बता रही हैं. अब जनता को इस तस्वीर से कितना फर्क पड़ेगा यह तो चुनाव परिणाम आने पर पता चलेगा.