पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को हुए पहले चरण के मतदान के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के मामले में कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों पर कथित तौर पर हिंसा की घटना में शामिल होने का आरोप है. यह जानकारी राज्य के निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब ने दी.
पश्चिमी मिदनापुर की सालबोनी सीट से सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यहां कथित तौर पर टीएमसी समर्थकों द्वारा सीपीआई(एम) उम्मीदवार सुशांत घोष के साथ धक्कामुक्की और उनकी कार पर पथराव किया गया था. वहीं, पूर्व मेदिनीपुर के कांथी में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंद्र की कार पर हमले की घटना सामने आई थी.
बीजेपी की ओर से टीएमसी पर हमले का आरोप लगाया गया था. इस मामले में कथित तौर पर टीएमसी समर्थकों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. छिटपुट हिंसा के अलावा पश्चिमी मेदिनीपुर में एक शख्स की लाश पाई गई थी. चुनाव अधिकारी का कहना है कि इस मामले में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
मारे गए शख्स का नाम मंगल सोरेन है. वह 35 वर्ष का था. बीजेपी नेताओं का दावा है कि मंगल बीजेपी से जुड़ा हुआ था. उसकी हत्या के पीछे टीएमसी के गुंडों का हाथ है. वहीं टीएमसी ने इस आरोप को खारिज किया है. वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि मंगल की मौत का चुनावी प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है. वहीं कांथी दक्षिण सीट के मजना पोलिंग बूथ पर कुछ लोगों ने सड़क जाम कर दी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि वीवीपैट सही तरीके से काम नहीं कर रही है. किसी को भी वोट देने पर एक ही पार्टी के नाम की पर्ची निकल रही है. वहीं कुछ लोगों ने सुरक्षाबलों के जवान पर वोटिंग प्रभावित करने का भी आरोप लगाया था. चुनाव आयोग ने कहा कि लोगों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में शनिवार को पहले चरण के तहत 30 सीटों और असम में 47 सीटों पर वोटिंग हुई. दोनों राज्यों में मतदाताओं का खासा उत्साह दिखा. बंगाल में 79.79 फीसदी तो असम में 72.30 फीसदी वोटिंग हुई.
ये भी पढ़ें-