पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच राज्य में राजनीतिक दलों की रैलियों का दौर जारी है. बंगाल में रैलियों के दौरान कोरोना वायरस को लेकर जारी दिशानिर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
ऐसे में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने जिलाधिकारियों से राजनीतिक कार्यक्रम में कोरोना की स्थिति पर नजर रखने को कहा है. कोर्ट ने साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि कोरोना की स्थिति जांचने के लिए अगर उन्हें उचित लगे तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए धारा 144 भी लागू कर दें.
कोर्ट ने कहा है कि बंगाल के सभी जिलों में चुनावी कार्यक्रम के दौरान कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और चुनाव अधिकारियों की है. चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की तरफ से जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि कोरोना से व्याप्त हो रही भयानक स्थिति के बीच अगर नियमों का पालन कराने के लिए धारा 144 लागू कराने की जरूरत पड़े तो वो भी किया जाए. कोर्ट ने कहा कि इस दौरान सभी आयोजनों में मास्क पहनना अनिवार्य हो. सेनेटाइजर भी हर जगह उपलब्ध होना चाहिए. गेदरिंग्स के दौरान कोरोना संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए.
जमकर उड़ रहीं नियमों की धज्जियां
बंगाल में चार चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है और पांचवें चरण के लिए प्रचार जारी है. देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.कोरोना के बढ़ते केस से किसी भी राजनीतिक दल ने सीख न ली है और नियमों को ताक पर रखकर रैलियां या रोड शो का आयोजन किया जा रहा है. इन रैलियों में न तो कोई मास्क लगा रहा है और न ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है.