प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार का दौरा किया और मोतीहारी में एक रैली को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के शासन पर तीखा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले दो महीने में बिहार में मुद्रा योजना के तहत लाखों ऋण दिए गए हैं, जिसमें चंपारण के 60,000 युवाओं को स्वरोजगार के लिए मुद्रा ऋण मिला है। उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाया कि "जो लोग रोजगार देने के नाम पर आपकी जमीनें अपने नाम लिखवा लेते हैं।" प्रधानमंत्री ने आरजेडी के शासनकाल को 'लालटेन का दौर' बताया और इसकी तुलना नई उम्मीदों वाले बिहार से की। उन्होंने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के राज में गरीबों को पक्के घर मिलना असंभव था और लोग अपने घरों में रंग-रोगन कराने से भी डरते थे। प्रधानमंत्री ने आरजेडी और कांग्रेस पर गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने लेकिन परिवार से बाहर के लोगों को सम्मान न देने का आरोप लगाया। रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे, जिन्होंने लालू प्रसाद यादव और उनके शासन पर हमला बोला। नीतीश कुमार ने 24 नवंबर 2005 में बनी एनडीए (भाजपा और जनता दल यू) सरकार के पहले के हालात की तुलना वर्तमान से की। उन्होंने बताया कि पहले बहुत कम काम होता था, लेकिन अब राज्य सरकार की तरफ से लोगों के हित में 3,00,000 से भी ज्यादा काम किए गए हैं। उन्होंने मुफ्त बिजली देने की घोषणा भी की।