इसी साल अक्टूबर-नवंबर तक होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी अब चुनावी मोड में आ गए हैं. मजबूत नेताओं को जन सुराज पार्टी से जोड़ने, संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद के साथ ही पीके अब जनता के बीच जाने को तैयार हैं. पीके 'बिहार बदलाव यात्रा' के साथ जन सुराज पार्टी के चुनाव अभियान का आगाज करने जा रहे हैं.
पीके की यह 'बिहार बदलाव यात्रा' लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सारण जिले के सिताब दियारा गांव स्थित जेपी स्मारक से शुरू होगी. पीके की इस यात्रा के जरिये जन सुराज पार्टी ने बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. सारण जिले के सिताब दियारा से शुरू हो रही इस यात्रा के दौरान हर दिन दो से तीन विधानसभा सीटें कवर करेंगे.
पीके और उनकी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता हर सीट पर जनता के बीच पहुंचकर बिहार को लेकर अपना विजन और रोडमैप जनता को बताएंगे. हर विधानसभा क्षेत्र में प्रशांत किशोर की नुक्क़ड़ सभाएं भी होंगी. पीके जनता को संबोधित कर सरकार और विपक्ष की विफलताएं गिनाएंगे, यह बताएंगे कि जन सुराज बाकी दलों से कैसे अलग है और क्यों इस पार्टी का समर्थन करना चाहिए.
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120 दिन चलेगी यात्रा
प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा 120 दिन तक चलेगी. यात्रा कब और कहां पहुंचकर संपन्न होगी, इसे लेकर जानकारी अभी सामने नहीं आई है. प्रशांत किशोर इससे पहले भी बिहार में जन सुराज पदयात्रा की थी. पीके की जन सुराज पदयात्रा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर 2022 को शुरू हुई थी. पीके ने करीब दो साल पदयात्रा कर बिहार के अलग-अलग हिस्से नापने, जनता का मिजाज भांपने के बाद 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज पार्टी बनाने का ऐलान किया था.
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बिहार चुनाव से पहले पीके की बिहार बदलाव यात्रा को लेकर जन सुराज का प्लान है कि चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले यह यात्रा संपन्न हो जाए. पीके ने अपनी यात्रा को लेकर हाल ही में कहा था कि इसका उद्देश्य बिहार सरकार की ओर से जातिगत जनगणना, भूमि सर्वे, दलित और महादलित के विकास के नाम पर जनता से किए गए धोखे को उजागर करना है.
उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में पिछले 35 साल से जेपी के अनुयायियों की सरकार है. इन अनुयायियों ने बिहार को बर्बाद कर दिया है. पीके ने कहा था कि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प को फिर से जागृत करने के लिए जेपी के जन्मस्थान से यात्रा की शुरुआत कर रहा हूं.