हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक और राजनीतिक गठबंधन आकार लेता हुआ दिख रहा है, जिसमें चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) शामिल हैं. इस महत्वपूर्ण गठबंधन की घोषणा मंगलवार को दिल्ली में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी. चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली एसपी और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी क्रमश: दलित और जाट वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं.
इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ने और दलित-जाट वोटरों को अपने पक्ष में करने का है. यह गठबंधन बहुत मायने रखता है, क्योंकि इससे पहले ही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच भी गठबंधन हो चुका है. हरियाणा में दलित और जाट समुदाय के वोट अनिवार्य रूप से अहम हैं और यही कारण है कि विभिन्न पार्टियां इन समुदायों के वोट बैंक को लेकर बहुत सतर्क हैं.
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आजाद समाज पार्टी द्वारा अपने घोषणा पत्र में दलित हितों को प्राथमिकता देने की बातें की जा रही हैं, जो दलित वोटरों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकती हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव 1 अक्टूबर को होने वाले हैं और इससे पहले पार्टियों के बीच गठबंधन की ये खबरें राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा रही हैं. आगामी चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन गठबंधन का कितना असर पड़ता है और किस पार्टी को फायदा मिलता है.
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हरियाणा में इस नए राजनीतिक समीकरण का असर कितना व्यापक होगा, यह चुनाव परिणाम ही बताएंगे. अब सभी की नजरें मंगलवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जिसमें औपचारिक गठबंधन की घोषणा होने की पूरी उम्मीद है. बता दें कि 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है. बीजेपी ने 40 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10, अन्य को 7 सीटें मिली थीं. अभय चौटाला की इनेलो और गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी को 1-1 सीट मिली थी. चुनाव बाद बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनायी थी. हालांकि, कुछ महीने पहले यह गठबंधन टूट गया था.