बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. NDA की बंपर जीत हुई है. राज्य में सभी की निगाह मुस्लिम-बहुल विधानसभा सीटों पर भी थी क्योंकि सूबे में करीब 18 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जिसके लिहाज से कम से कम 44 विधायक होने चाहिए. 1951 से लेकर अभी तक इतनी संख्या में कभी भी मुस्लिम विधायक जीतकर नहीं आ सके हैं.
अररिया सीट: कांग्रेस से अबिदुर रहमान जीते. उनको 91529 वोट मिले. जेडीयू से शगुफ्ता अज़ीम (78788), एआईएमआईएम से मोहम्मद मंजूर आलम (53421), जन सुराज पार्टी से फरहत आरा बेगम (2434) हारीं.
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जोकीहाट: एआईएमआईएम से मोहम्मद मुर्शीद आलम जीते. उनको 83737 वोट मिले. जेडीयू से मंजर आलम (54934), जन सुराज से सरफराज आलम (35354), आरजेडी से शहनवाज (29659) हारे.
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बहादुरगंज: एआईएमआईएम से मोहम्मद तौसीफ आलम जीते. उनको 87315 वोट मिले. कांग्रेस से मोहम्मद मसावर आलम (58589), एलजेपी (आर) से मोहम्मद कलीमुद्दीन (57195) हारे.
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अमौर: एआईएमआईएम से अख्तरुल ईमान जीते. उनको 100836 वोट मिले. जेडीयू से सबा जफर (61908), कांग्रेस से अब्दुल जलील मस्तान (52791) हारे.
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रघुनाथपुर: आरजेडी से ओसामा शहाब जीते. उनको 88278 वोट मिले. जेडीयू से विकास कुमार उर्फ जीशू सिंह (79030) हारे.
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कदवा सीट: दुलालचंद गोस्वामी (जेडीयू) जीते. उनको 99274 वोट मिले. शकील अहमद खान (कांग्रेस) (80906) हारे.
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कांटी सीट: जेडीयू के अजीत कुमार जीते. उनको 117299 वोट मिले. आरजेडी से मोहम्मद इसराइल मंसूरी (91504), जन सुराज से सुदर्शन मिश्रा (4251) हारे.
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किशनगंज: कांग्रेस के कमरुल होदा जीते. उनको 89669 वोट मिले. बीजेपी की स्वीटी सिंह (76875), आईएमआईएम के शम्स आग़ाज़ (51370) हारे.
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ठाकुरगंज: जेडीयू के गोपाल अग्रवाल जीते. उनको 85243 वोट मिले. एआईएमआईएम के गुलाम हसनैन, आरजेडी के शउद आलम हारे.
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केवटी: बीजेपी से मुरारी मोहन झा जीते. उनको 89123 वोट मिले. आरजेडी से फराज फात्मी, एआईएमआईएम से मोहम्मद अनीसुर्रहमान हारे.
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चैनपुर: जेडीयू से ज़मा खान जीते. उनको 70876 वोट मिले. आरजेडी से बृजकिशोर बिंद, बसपा से धीरज कुमार हारे.
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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन दोनों ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया. तेजस्वी यादव के अगुवाई वाले महागठबंधन से 30 मुस्लिम उम्मीदवार तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए से पांच मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में थे.
महागठबंधन में आरजेडी से 18 मुस्लिम, कांग्रेस से 10 और सीपीआई माले से दो मुस्लिम मैदान में थेय. वहीं, एनडीए की तरफ से भले ही बीजेपी ने किसी मुस्लिम पर दांव न खेला हो, लेकिन जेडीयू ने चार और एलजेपी ने एक मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) से 23 मुस्लिम प्रत्याशी किस्मत आज़मा रहे थे तो जन सुराज पार्टी से भी बड़ी संख्या में मुस्लिम चुनाव लड़े.
बिहार में साल 1985 के चुनाव में सबसे अधिक 34 मुस्लिम विधायक चुने गए थे, लेकिन उस समय संयुक्त बिहार की 324 सीटों पर चुनाव हुआ था जबकि 2005 में सबसे कम 16 मुस्लिम विधायक ही बने थे। 2020 के चुनाव में बिहार की 243 सीटों में से कुल 19 मुस्लिम विधायक चुनकर आए थे, जिसमें आरजेडी से 8, कांग्रेस से 4, एआईएमआईएम (AIMIM) से 5, सीपीआई माले से एक और एक विधायक बसपा से जीते थे.
साल 1951-52 के पहले विधानसभा चुनाव में 24 मुस्लिम विधायक बने थे। इसके बाद 1957 के चुनाव में 25 और 1962 के चुनाव में 21 मुस्लिम विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। साल 1967 के चुनाव में 18 मुस्लिम जीते थे और साल 1969 के चुनाव में 19 मुस्लिम ने जीत हासिल की.
वहीं, 1972 और 1977 के चुनाव में 25-25 मुस्लिम विधायक जीते थे। 1980 के चुनाव में मुस्लिम विधायकों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ और 28 मुस्लिम जीतकर विधानसभा पहुंचे जबकि 1985 के चुनाव में 34 मुस्लिम जीतने में सफल रहे। हालांकि, 1990 के चुनाव में मुस्लिम विधायकों की संख्या में गिरावट आई और महज़ 20 विधायक ही जीत हासिल कर सके। इसके बाद 1995 के चुनाव में भी 19 मुस्लिम ने जीत दर्ज की.
साल 2000 में एक बार फिर मुस्लिम विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई और 29 मुस्लिम जीतकर विधानसभा पहुंचे। बिहार में साल 2005 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो मुस्लिम विधायकों की संख्या में कमी आई और महज़ 16 मुस्लिम ही जीत हासिल कर सके। इसके बाद 2010 के चुनाव में 19 मुस्लिम विधायकों ने जीत दर्ज की और 2015 में जब नीतीश-लालू एक साथ आए तो मुस्लिम विधायकों की संख्या 24 पहुंच गई और 2020 में महज़ 19 मुस्लिम ही विधायक बन सके थे.