जम्मू कश्मीर चुनाव के विधानसभा चुनाव में निर्दलीयों की भरमार है. प्रतिबंधित पार्टी जमात-ए-इस्लामी से लेकर इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी तक, कई राजनीतिक दलों के नेता और अलगाववादी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. इन्हीं में से एक नाम है संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के भाई एजाज गुरु का. अफजल गुरु के भाई एजाज भी चुनावी रेस में उतर विधानसभा पहुंच माननीय बनने की कोशिश में हैं. बारामूला के देलिना निवासी एजाज ने सोपोर विधानसभा सीट से पर्चा भरा है.
कौन हैं एजाज गुरु
एजाज गुरु संसद पर हमले की साजिश रचने के दोषी अफजल गुरु के भाई हैं. अफजल को 2013 में फांसी दे दी गई थी. 58 साल के एजाज गुरु नौवीं पास हैं और पशुपालन विभाग में नौकरी भी की है. उन्होंने नौकरी से वीआरएस लेकर ठेकेदारी की दुनिया में कदम रखा. नामांकन के समय दिए गए हलफनामे के मुताबिक पेशे से ठेकेदार एजाज के पास करीब 50 लाख रुपये की अचल और आठ लाख रुपये की चल संपत्ति है. एजाज के नाम पर छह लाख रुपये का बैंक लोन भी है और पत्नी के पास करीब तीन लाख रुपये की संपत्ति है.
भाई की विचारधारा से किया किनारा
चुनाव मैदान में उतरे एजाज गुरु ने का कहना है कि अपने भाई के नाम पर वोट नहीं मांगूंगा. मेरी विचारधार मेरे भाई की विचारधारा से पूरी तरह अलग है. मेरी सियासी विचारधारा को मेरे भाई की विचारधारा के साथ नहीं जोड़ें तो बेहतर है. उन्होंने अपने बेटे शोएब एजाज गुरु की ड्रग्स तस्करी के मामले में गिरफ्तारी को चुनाव लड़ने की प्रमुख वजह बताया है.
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एजाज गुरु ने अपने बेटे के खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए कहा है कि हमने संदिग्ध परिस्थितियों में गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए लड़ने की कसम खाई है. एजाज के बेटे शोएब को दिसंबर 2023 में एनडीपीएस के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद है.
सोपोर रहा है जमात का गढ़
एजाज गुरु उत्तरी कश्मीर की जिस सोपोर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं, वह सीट जमात-ए-इस्लामी का गढ़ रही है. कभी सोपोर विधानसभा क्षेत्र में जमात के आह्वान पर चुनावों का पूर्ण बहिष्कार किया जाता था. एजाज पिछले 50 साल से सोपोर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इसकी पुरानी गरिमा लौटाने के वादे कर रहे हैं, विकास और एकता की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि 10 साल बाद हो रहे जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव के दौरान तीन चरणों में मतदान होगा और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.
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कौन था अफजल गुरु
अफजल गुरु साल 2001 के दिसंबर महीने में संसद पर हुए हमले का आरोपी था. आरोप था कि अफजल ने ही संसद पर हमले की साजिश रची थी. संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल को दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अफजल को साल 2013 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी. संसद हमले में नौ लोगों की मौत हुई थी.