राजस्थान सरकार ने कोटा में करीब 42 उर्दू टीचर्स का ट्रासंफर स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने के लिए कर दिया है. इन सभी टीचरों की ट्रांसफर लिस्ट 25 जून को जारी की गई है. मामले की चारों ओर आलोचना होने पर अब एजुकेशन डिपार्टमेंट इसे टीचर्स रेशनलाइजेशन एक्सरसाइज बता रहा है.
ट्रांसफर किए गए टीचर्स में 11 सेकेंड ग्रेड टीचर बूंदी, 25 झालावाड़ और 6 टीचर बारां के हैं. इस पूरे मामले पर सेकेंडरी एजुकेशन, कोटा के डिप्टी डायरेक्टर डीडी मुरारीलाल का कहना है कि ऐसे स्कूल जहां उर्दू पढ़ने वाले कोई स्टूडेंट नहीं है, वहां से अतिरिक्त संख्या में मौजूद टीचर्स को संस्कृत शिक्षकों के पदों पर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि यह गलती से हुआ है और इसमें जल्दी ही सुधार कर लिया जाएगा.
गौरतलब है कि ये उर्दू टीचर ऐसे स्कूलों में तैनात थे जहां उर्दू के स्टूडेंट ही नहीं थे . ऐसे में विभाग ने इन्हें सरप्लस टीचर के रूप में इनकी गिनती करते हुए अलग-अलग स्कूलों में बतौर संस्कृत टीचर इनका ट्रांसफर कर दिया.
आपको बता दें कि पिछले महीने राजस्थान में सूर्य नमस्कार को स्कूलों में अनिवार्य किए जाने के मामले ने तूल पकड़ा था. जिसे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि वह इस फैसले के खिलाफ है और जरूरत पड़ी तो इस फैसले के खिलाफ अदालत से दखल की अपील करेंगे.