टूथब्रश हम सभी के लिए बहुत जरूरी चीज है. जिसके बिना हम सुबह फ्रेश महसूस नहीं कर पाते. टूथब्रश का आविष्कार साल 1938 में हुआ था. जहां पहले नीम की दातुन से लोग दांत साफ कर लिया करते थे. वहीं प्लास्टिक से बने ये टूथब्रश आने के बाद लोगों को इनकी आदत लग गई, लेकिन बताते प्लास्टिक से बने ये टूथब्रश पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं. ऐसे में लोग इसका विकल्प ढूंढ रहे हैं. वहीं आन्ध्र प्रदेश के 13 साल एक लड़के ने एक ऐसा टूथब्रश बनाया है जो ईको- फ्रेंडली है.
जानें- क्या खास है इस टूथब्रश में
13 साल के इस लड़के का नाम के. तेजा है और इस मुश्किल से निपटने का रास्ता निकाल लिया है. आन्ध्र प्रदेश के विजिअनगरम जिले के धर्मावरम गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने कद्दु के पौधे से एक ऐसा टूथब्रश बनाया है, जो पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा और हमारी सेहत के लिए भी ठीक होगा.
दरअसल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवेलपमेंट एंड पंचायती राज के स्टार्टअप कॉन्क्लेव में के. तेजा का ये आविष्कार सामने आया था. जब लोगों को मालूम चला ये टूथब्रश कद्दू के पौधे से बना है तो उन्होंने खूब तारीफें बटोरी.
कैसे बनाया गया ईको फ्रेंडली टूथब्रश
के. तेजा ने बताया गांव में कद्दू की खेती काफी है और वहां आसानी से सस्ती कीमत पर मिल जाता है. के तेजा ने कद्दू की डंठल से टूथब्रश का हैंडल बनाया और इसमें ताड़ के पेड़ की छाल से सींकनुमा रेशे ब्रश के तौर पर लगाए. उन्होंने बताया ये ताड़ के पेड़ की छाल से बने रेशे मसूड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. वहीं आपको बता दें, ईको फ्रेंडली टूथब्रश 10 बार इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही ये प्लास्टिक वाले टूथब्रश से सस्ता भी पड़ता है.
आपको बता दें, दुनियाभर में ना जाने कितने ही प्लास्टिक से बने टूथब्रश इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिए जाते हैं जिसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है. ऐसे में के. तेजा का बनाया हुआ ये टूथब्रश पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा.