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प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स को सरकारी के बराबर सैलरी पाने का अधिकार: दिल्ली HC

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम की धारा 10 का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के वेतन और भत्ते, मेडिकल सुविधाएं, पेंशन, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि और अन्य लाभ का पैमाना सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों से कम नहीं होना चाहिए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली में गैर सहायता प्राप्त स्कूल टीचर की सैलरी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बराबर वेतन और अन्य भत्ते पाने के हकदार हैं. कोर्ट का यह फैसला एक प्राइवेट स्कूल की उस याचिका के जवाब में आया है जिसमें उसने अपने शिक्षकों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी थी.

प्राइवेट टीचर्स को सेम सैलरी देना वैधानिक जिम्मेदारी
अपने फैसले में, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम की धारा 10 का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के वेतन और भत्ते, मेडिकल सुविधाएं, पेंशन, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि और अन्य लाभ का पैमाना सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों से कम नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एक अधिसूचना पर भी प्रकाश डाला, जिसमें सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया गया है.

न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूल अपनी वैधानिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं और उन्हें शिक्षकों को सरकारी स्कूलों के समान वेतन और लाभ देने के अपने दायित्व को पूरा करना होगा. कोर्ट ने कहा कि यह कानून की निर्विवाद स्थिति है कि गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक अपने सरकारी स्कूल समकक्षों के समान वेतन और परिलब्धियों के हकदार हैं, जैसा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 द्वारा अनिवार्य है.

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कोर्ट ने खारिज की स्कूल की अपील, दिए ये निर्देश
कोर्ट ने निर्देश को चुनौती देने वाली अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें योग्यता का अभाव है. इसके अलावा कोर्ट ने ने अपीलकर्ता स्कूल को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के प्रावधानों के तहत शिक्षकों को लाभ और वेतन देने का आदेश दिया. फैसले में शिक्षकों को 1 जनवरी, 2016 तक का बकाया प्राप्त करने का भी अधिकार दिया गया है. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग का लाभ स्कूल द्वारा नहीं दिए जाने पर अपीलकर्ता स्कूल के तीन शिक्षकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

(पीटीआई इनपुट के साथ)


 

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