सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को देश के कई परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हो गई. परीक्षा के फॉरमैट में बदलाव की मांग को लेकर यह विवादों में थी. परीक्षा के बाद एक बार फिर कई छात्रों हिंदी के खराब अनुवाद की शिकायत की.
प्रारंभिक परीक्षा में दो-दो घंटे के दो प्रश्न पत्र होते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों प्रश्नपत्रों की परीक्षा बिना किसी विरोध प्रदर्शन की सूचना के संपन्न हो गई.
पहले प्रश्न पत्र की परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू हुई थी जबकि दूसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे शुरू हुई. हालांकि कुछ छात्रों ने पहले प्रश्न पत्र में हिंदी अनुवाद में गलतियां होने की शिकायत की.

अनुवाद में गलती के संबंध में छात्रों के दावे पर न तो सरकार से और न ही संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से कोई टिप्पणी आई है. परीक्षा के लिए तकरीबन 9 लाख छात्रों ने आवेदन किया था.
हाल में परीक्षा के फॉरमैट को लेकर विवाद पैदा हो गया था क्योंकि हिंदी व अन्य भारतीय भाषा के छात्रों ने सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) के पेपर को हटाने की मांग की थी और इसको लेकर उन्होंने सड़कों पर हिंसक आंदोलन भी किया था.

बाद में पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा था कि दूसरे प्रश्न पत्र में पूछे गए अंग्रेजी के खंड के सवालों के अंक सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट तैयार करने के लिए नहीं जोड़े जाएंगे.