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जाने क्या है प्लवन (Flotation), उत्प्लावक बल (Buoyant force), घनत्व (Density) और मित केंद्र (Meta Center)

प्लवन (Flotation), उत्प्लावक बल (Buoyant force), घनत्व (Density) और मित केंद्र (Meta Center) क्या है? इनकी परिभाषा क्या है. जीवन में इनका क्या महत्व है. चलिए जानते है इन सबके बारे में.

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प्लवन (Flotation), उत्प्लावक बल (Buoyant force), घनत्व (Density) और मित केंद्र (Meta Center) क्या है? इनकी परिभाषा क्या है. जीवन में इनका क्या महत्व है. चलिए जानते है इन सबके बारे में.

उत्प्लावक बल (Buoyant force): द्रव का वह गुण जिसके कारण वह वस्तुओं पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है, उसे उत्क्षेप या उत्प्लावक बल कहते हैं. यह बल वस्तुओं द्वारा हटाए गए द्रव के गुरुत्व-केंद्र पर कार्य करता है, जिसे उत्प्लावक केंद्र (center of buoyancy) कहते हैं. इसका अध्ययन सर्वप्रथम आर्कमिडीज ने किया था.

आर्कमिडीज का सिद्धांत: जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी अथवा आंशिक रूप से डुबोई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभार होता है. भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है.

प्लवन (Flotation) का नियम :
(i) संतुलित अवस्था में तैरने पर वस्तु अपने भार के बराबर द्रव विस्थापित करती हैं.
(ii) ठोस का गुरुत्व-केंद्र तथा हटाए गए द्रव का गुरुत्व-केंद्र दोनों एक ही उर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए.

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घनत्व (density): द्रव्यमान/आयतन इसका S.I. मात्रक किलोग्राम मीटर^-3 होता है.
आपेक्षिक घनत्व (relative density):
वस्तु का घनत्व/4°C पर पानी का घनत्व
आपेक्षिक घनत्व एक अनुपात है. अतः इसका कोई मात्रक नहीं होता है. आपेक्षिक घनत्व को हाइड्रोमीटर से मापा जाता है. सामान्य जल की अपेक्षा समुद्री जल का घनत्व अधिक होता है, इसलिए उसमें तैरना आसान होता है. जब बर्फ पानी में तैरती है, तो उसके आयतन का 1/10 भाग पानी के ऊपर रहता है. किसी बर्तन में पानी भरा है और उस पर बर्फ तैर रही है; जब बर्फ पूरी तरह पिघल जाएगी तो पात्र में पानी का तल बढ़ता नहीं है, पहले के समान ही रहता है. दूध की शुद्धता दुग्यमापी (lactometer) से मापी जाती है.

मित केंद्र (meta center):
तैरती हुई वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के गुरुत्व-केंद्र को उत्प्लावन-केंद्र कहते हैं. उत्प्लावन-केंद्र से जाने वाली उर्ध्व रेखा जिस बिंदु पर वस्तु के गुरुत्व-केंद्र से जाने वाली प्रारंभिक उर्ध्व रेखा को काटती हैं उसे मिट केंद्र कहते हैं.

तैरने वाली वस्तु के स्थायी संतुलन के लिए शर्तें:
(i) मिट केंद्र गुरुत्व-केंद्र के ऊपर होना चाहिए.
(ii) वस्तु का गुरुत्व-केंद्र तथा हटाए गए द्रव का गुरुत्व-केंद्र यानी कि उत्प्लावन केंद्र दोनों को एक ही उर्ध्वाधर रेखा में होना चाहिए.

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