
अग्निवीर मुरली नाइक ने 23 साल की उम्र में भारत-पाकिस्तान की सीमा (LoC) पर बहादुरी दिखाते हुए देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. 'ऑपेशन सिंदूर' के दौरान सीमा पर पाकिस्तान के ओर से हुई गोलाबारी में 9 मई को मुरली नाइक की जान चली गई. आज जब उनका पार्थिव शरीर गृहनगर गोरंटला मंडल के कल्लिथंडा गांव, आंध्र प्रदेश पहुंचा तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई. देश के लिए मुरली नाइक के सर्वोच्च बलिदान पर नेताओं, अधिकारियों और नागरिकों ने समान रूप से भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
बचपन से देखा था देश सेवा का सपना
अग्निवीर मुरली नाइक, जिनका जन्म 8 अप्रैल 2002 को हुआ, ने बचपन से ही देश सेवा का सपना देखा था. 2022 के दिसंबर में, 20 वर्ष की आयु में, उन्होंने अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने सपने को साकार किया. नासिक में 6 महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने असम में 1 साल तक सेवा की और वर्तमान में पंजाब में तैनात थे.

'ऑपरेशन सिंदूर' से दो दिन पहले हुई थी फोन पर बात
'ऑपरेशन सिंदूर' में जम्मू-कश्मीर में वीरगति को प्राप्त होने वाले मुरली ने दो दिन पहले अपने माता-पिता से फोन पर बात की थी, जिसमें उन्होंने युद्ध में भाग लेने की बात कही. उनकी देशभक्ति और सेना के प्रति समर्पण ने उन्हें विशेष ऑपरेशन फोकस कैडर (AV-OPR) में जगह दिलाई थी.
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मुरली नाइक की इच्छा
मुरली नाइक, सेना नंबर A3451489H, अपने माता-पिता श्रीरामुलु नाइक और ज्योति बाई के इकलौते बेटे थे. उन्होंने 2016-17 में समनदेपल्ली से 10वीं कक्षा पास की थी और अविवाहित थे. मुरली ने अपने माता-पिता से कहा था कि वह 2026 में 4 साल की सेवा पूरी कर घर लौटेंगे, लेकिन देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. उन्होंने इच्छा जताई थी कि यदि उनकी मृत्यु होती है, तो उनके शरीर पर तिरंगा लपेटा जाए. उनकी अंतिम फोन कॉल में परिवार से बातचीत उनके साहस और देशप्रेम का प्रतीक थी.

मुरली नाइक की शहादत ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है. सभी ने मुरली नाइक के परिवार से मुलाकात की, उनके दुख को साझा किया और उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए आभार व्यक्त किया. आंध्र प्रदेश सरकार ने पुष्टि की है कि अग्निवीर मुरली नाइक का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
आंध्र प्रदेश के शिक्षा और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने अग्निवीर मुरली नाइक के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. बेहद भावुक होकर मंत्री ने शहीद जवान के शोकाकुल माता-पिता से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, उन्हें सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि सरकार इस दुखद समय में उनके साथ खड़ी रहेगी. परिवार से बात करते हुए मंत्री लोकेश ने कहा, "राज्य मुरली नाइक की बहादुरी के सम्मान में नतमस्तक है. राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा."