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CBSE का स्कूली छात्रों से मोबाइल नंबर और एड्रेस मांगने पर प्राइवेट स्कूलों ने किया विरोध

छात्रों को लगातार अपडेट रखने के लिए 22 अगस्त को टॉप प्रायरिटी के आधार पर CBSE ने चिट्ठी भेजकर सभी स्कूलों से मोबाईल नंबर और ईमेल एड्रैस मांगे थे जिसे 25 आगस्त तक आनलाईन भेजने के कहा गया था. लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक जयपुर में स्थित प्राईवेट सीबीएसई स्कूलों ने इसका विरोध किया है.

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छात्रों को लगातार अपडेट रखने के लिए 22 अगस्त को टॉप प्रायरिटी के आधार पर CBSE ने चिट्ठी भेजकर सभी स्कूलों से मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस मांगे थे जिसे 25 अगस्त तक ऑनलाइन भेजने के कहा गया था. लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक जयपुर में स्थित प्राइवेट सीबीएसई स्कूलों ने इसका विरोध किया है.

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के मुताबिक छात्रों के डिटेल्स का मिसयूज किया जा सकता है इसलिए उन्होंने डिटेल देने से मना कर दिया है. एसोसिएशन का कहना है कि इसका व्यवसायिक या राजनीतिक दुरुपयोग किया जा सकता है.

स्कूलों ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि बोर्ड स्कूलों से संबंध रखने के लिए है न कि छात्रों से सीधे संबंध बनाने के लिए. गौरतलब है कि अभी तक CBSE कोई भी सूचना स्कूलों के जरिए ही छात्रों तक पहुंचाता रहा है जिस पर कभी कोई सवाल नहीं उठा है.

राजस्थान के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट दामोदर शर्मा का कहना है कि CBSE की इस पहल पर उन्हें शक है, क्योंकि बोर्ड का संपर्क बहुत सारी प्राइवेट एजेंसी के साथ रहता है. इसके अलावा CBSE बहुत सारे प्राइवेट बुकसेलर, वेंडर के टच में भी रहते हैं. इसलिए उन्हें डर है कि छात्रों के मोबाइल नंबर को इकट्ठा कर वह अपने व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं. शर्मा ने अपनी राय रखते हुए यह भी कहा कि इन सारे डाटा का यूज राजनीति में भी किया जा सकता है.

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गौरतलब है कि 18 साल के अवयस्क छात्रों के पर्सनल डिटेल का गलत उपयोग आसानी से किया जा सकता है. यही वजह है कि मोदी सरकार में आए इस नए फरमान को लोग शक की नजरों से देख रहे हैं.

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