राजस्थान की रहने वाली रुचि बिंदल ने पांचवें अटेम्प्ट में यूपीएससी की परीक्षा क्लियर की है. उन्हें UPSC CSE 2019 में 39वीं रैंक मिली है. कोरोना संक्रमण के दौरान जुलाई में उन्होंने इंटरव्यू का सामना किया था. रुचि बताती हैं कि उनसे इस परीक्षा में समसामयिक विषयों से लेकर हॉबी तक सवाल पूछे गए. उनमें से एक सवाल था कि अगर आपको डिप्लोमेट बनाकर चीन भेजा जाए तो आप वहां क्या कहेंगी. जानिए- रुचि ने क्या जवाब दिया,इसके अलावा रुचि से क्या सवाल पूछे गए.
रुचि ने aajtak.in से बातचीत में बताया कि मेरी जर्नी काफी हार्ड और स्ट्रगल वाली रही है. प्रीलिम्स से पहले मेरे पिता की तबीयत काफी गंभीर थी. फिर मेन्स से पहले मेरे दादाजी काफी बीमार थे, फिर इंटरव्यू के समय दादा जी की डेथ हो गई थी. ये मेरे लिए कठिन समय था. इससे पहले भी मैं तीन बार प्रीलिम्स नहीं निकाल पाई थी और चौथी बार मेंस नहीं निकला. लेकिन पांचवीं बार में मैंने इंटरव्यू निकाला.
रुचि ने बताया कि ज्वाइंट सेक्रेटरी लेबर मिनिस्ट्री आरके गुप्ता ने तैयारी में मेरी काफी मदद की. इसके अलावा मुझे जामिया की आरसीए से काफी मदद मिली. मैंने यहां इंटरव्यू के लिए काफी तैयारी की. ये इंटरव्यू मेरा लॉकडाउन से पहले शेड्यूल था जो कि जुलाई में हुआ, जिसमें मैं मास्क और शील्ड किट के साथ गई थी. वहां चेयर पर्सन मैम ने मुझे मास्क हटाने की इजाजत दे दी थी.
(प्रतीकात्मक फोटो)
अगर फैमिली की बात करें तो रुचि के पिता राजेंद्र बिंदल मार्बल का काम करते हैं. वो चार लाख रुपये सालाना कमाते हैं. वहीं मां इंद्रा बिंदल हाउसवाइफ हैं. रुचि से छोटे एक भाई और एक बहन परिवार में हैं. रुचि कहती हैं कि मेरे परिवार ने मुझे आगे बढ़ने में बहुत मदद की. इस बार इंटरव्यू में जाने से पहले मैंने काफी तैयारी की थी. इंटरव्यू में मुझसे समाज से जुड़े सवाल ज्यादा पूछे गए.
सोसायटी से जुड़ा एक सवाल उन्होने पूछा कि समाज में सबसे ज्यादा भेदभाव से पीड़ित वर्ग कौन सा है. तो मैंने इसके जवाब में कहा कि वो हैं ट्रांसजेंडर क्योंकि उन्हें परिवार में ही एक्सेप्ट नहीं किया जाता. उनकी एजुकेशन से लेकर रोजगार तक.
अगर हम आपको इंडियन डिप्लोमेट बनाकर चीन भेजा जाए तो आप क्या बोलेंगी चीनियों को, अगर चीन फिर भी बात नहीं मानता है तो क्या बोलेंगी. चीन हमेशा हमें कहता है कि हम यूएस के साथ मिलीभगत कर रहे हैं, तो इस बात पर क्या कहेंगी.
मैंने इस पर कहा कि अभी जो वर्तमान सरकार फॉलो कर रही है, मैं वहीं स्टेप फॉलो करना चाहूंगी. मैं तो यही कहूंगी कि सबसे पहले हमें बॉर्डर इश्यू सॉल्व करना है, वायलेंस बिल्कुल नही करना है. क्योंकि 1967 से बहुत पीसफुल रिश्ते रखे हैं तो हमें उससे पीछे नहीं हटना चाहिए.
उन्होंने हॉबी से सवाल पूछने के बाद एक सवाल पूछा कि आपने लास्ट मूवी कौन-सी देखी. इसके जवाब में मैंने थप्पड़ मूवी कहा. इस पर उन्होंने पूछा कि आपने इस मूवी से क्या सीखा. इस पर मैंने कहा कि मैंने इस मूवी से सीखा कि घरेलू हिंसा हमें बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए. इस पर आवाज उठाना बहुत जरूरी है. बता दें कि ऐसे ही सवालों के जवाब देकर रुचि ने पांचवीं बार में यूपीएससी में सफलता पाई है.