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एजुकेशन

हम 30 मिनट में तय कर पाएंगे फ्यूचर? ये जवाब देकर बना IAS टॉपर

हम 30 मिनट में तय कर पाएंगे फ्यूचर? ये जवाब देकर बना IAS टॉपर
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किशनगढ़ राजस्थान के रहने वाले श्रेयांस कुमट पेशे से इंजीनियर थे. लाखों की नौकरी छोड़ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और पहली ही बार में यूपीएससी में चौथी रैंक हासिल की. श्रेयांस ने प्री और मेन्स के साथ साथ इंटरव्यू में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया. उनसे इंटरव्यू पैनल में जाते ही पूछा गया कि क्या हम (इंटरव्यू पैनल) 30 मिनट में आपका फ्यूचर डिसाइड कर पाएंगे. इसका श्रेयांस ने बेहद खूबसूरती से जवाब दिया. जानें- क्या था वो जवाब जो पैनल को पसंद आया. इसके अलावा श्रेयांस की स्ट्रेटजी यहां पढ़ें.
हम 30 मिनट में तय कर पाएंगे फ्यूचर? ये जवाब देकर बना IAS टॉपर
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श्रेयांस ने एक वीडियो इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी ज्यादातर पढ़ाई किशनगढ़ राजस्थान से की है. उनके पिता किशनगढ़ में मार्बल व्यवसायी और मां हाउसवाइफ हैं. किशनगढ़ के स्कूल से पढ़कर उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. वहां से उनकी अच्छे पैकेज में नौकरी लग गई. अब उनकी छोटी बहन भी सीए की नौकरी छोड़कर आईएएस की तैयारी कर रही हैं.
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वो कहते हैं कि मैंने मैनेजमेंट कंसल्टिंग में काम किया था. वहीं से मुझे आईएएस बनने की प्रेरणा मिली जिसके जरिये मैं समाज के हाशिये के लोगों के लिए कुछ करना चाहता था. सोचा था कि अगर आईएएस नहीं बन पाया तो गवर्नमेंट कंसल्टिंग में खुद को मोड़ लूंगा. फिर नौकरी के दौरान उनके मन में आइएएस बनने का सपना पलने लगा. इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ने से पहले उसका सिलेबस समझा, किताबें मंगाकर एक साल नौकरी के दौरान ही उन्हें पढ़ा. इसके एक साल बाद इस्तीफा दे दिया.
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इस्तीफा देकर वो दिल्ली आकर तैयारी करने लगे. वो कहते हैं कि यहां आकर मैंने अपनी तैयारी शुरू कर दी. तैयारी के साथ मेरी दिनचर्या का जो जरूरी हिस्सा था वो था मेडिटेशन, मैं रोज सुबह और शाम दोनों वक्त 20-20 मिनट का ध्यान जरूर करता था.
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वो कहते हैं कि अगर हम दो पेज भी एक दिन पढ़ते हैं और उसे अच्छे से ग्रास्प कर पाते हैं तो वही फाइनली अपने को रिजल्ट देता है. इसलिए सबसे पहले यूपीएससी प्रीलिम्स की तैयारी के लिए सोर्सेज को डिसाइड करना चाहिए. श्रेयांस का मानना है कि तैयारी में मॉक टेस्ट की भी बड़ी भूमिका है. वो कहते हैं कि हमें मॉक टेस्ट देकर उससे अपने को तैयार करना चाहिए. हर टेस्ट के एनालिसिस को सीखो.
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ऐसे की मेन्स की तैयारी

उन्होंने बताया कि उनका मीडियम इंग्लिश था. मुझे पता था कि मेन्स में फाइनली लिखने दो सौ चार सौ शब्द होते हैं. इसके लिए मैं एक वेबसाइट के पांच सवालों को अटेम्प्ट करने की कोशिश करता था. हमेशा ये सोचकर तैयारी की कि मैं टाइम बाउंड मैनर में लिख पाऊं ताकि फाइनल परफामेंस अच्छा हो.
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प्रैक्टिस पर बहुत फोकस किया.

आंसर राइटिंग के लिए तैयार किया कि कैसे कम से कम शब्दों में अधिक और सार्थक लिख पाऊं. अंत में टेस्ट लगाने शुरू किए थे. मेरी इंग्लिश उतनी अच्छी नहीं थी, उसके लिए भी तैयारी की.
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इंटरव्यू की तैयारी के लिए सबसे जरूरी आत्ममंथन लगा, मैंने कॉलेज, स्कूल लाइफ में जो भी वैल्यू सीखा है, कुछ सवाल पूछे भी गए जो बीते जीवन से संबंधित थे. उम्मीदवारों को DAF (डीटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म) में दी गई जानकारी की अच्छे से तैयारी करनी चाहिए. जैसे मैं राजस्थान से हूं तो वहां की राजनीति और अन्य सामान्य ज्ञान से संबंधित सवालों के जवाब तैयार किए.
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ऐसे फेस किया इंटरव्यू का सवाल

श्रेयांस बताते हैं कि जब वो इंटरव्यू के लिए रूम में गए तो सभी ने मुस्कुराकर स्वागत किया. जाते ही बोर्ड ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि 30 मिनट में हम आपका फ्यूचर डिसाइड कर पाएंगे. उन्होंने जवाब में कहा कि हां, आप अनुभवी लोग हैं सर, आपने इतने लोगों के साथ डील किया तो आप कर पाएंगे. लेकिन आपकी जगह अगर मैं हूं तो नहीं कर पाऊंगा, क्योंकि मुझे इतना अनुभव नहीं है.
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राहुल द्रविड़ हैं रोल मॉडल

वो अपनी जिन्दगी में क्रिकेटर राहुल द्रविण को अपना रोल मॉडल मानते हैं. श्रेयांस कहते हैं कि चाहे वन डे हो या टेस्ट या आईपीएल राहुल द्रविण ने हर जगह बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. वो एक कोच के रूप में भी सफल रहे हैं. मैंने उनसे हार्डवर्किंग और अपने लक्ष्य के लिए तत्परता सीखी.
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