Who is Satnam Singh Sandhu: राष्ट्रपति ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति और जाने-माने शिक्षाविद सतनाम सिंह संधू को राज्यसभा का मनोनीत सांसद नियुक्त किया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदस्यता हासिल करने पर सतनाम सिंह संधू को बधाई दी है. किसान के बेटे सतनाम सिंह संधू ने अपनी लगन के दम पर देश के टॉप एजुकेशनिस्ट की पहचान हासिल की है. आइए जानें- सतनाम सिंह संधू के बारे में ये खास बातें.
चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज की रखी थी नींव
एक खेतिहर किसान संधू ने शिक्षा हासिल करने के लिए बचपन से बहुत संघर्ष किया. सतनाम सिंह संधू की पढ़ाई के लिए लगन ही थी जिसने उन्हें विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थान चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज (CGC) की नींव रखी. साल 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज की नींव रखकर उन्होंने इसे विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान की ऊंचाई तक ले जाने को अपने जीवन का मिशन बनाया. फिर साल 2012 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के गठन के साथ एक कदम आगे बढ़ाया, जिसे क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2023 में एशिया में निजी विश्वविद्यालयों में अग्रणी के तौर पर जगह मिली.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने सतनाम सिंह संधू जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है. मैं उन्हें उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी.
कौन हैं सतनाम सिंह संधू?
सतनाम सिंह संधू का बचपन काफी कठिनाइयों से भरा था. उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया. अपने संघर्ष भरे बचपन के कारण ही वो जिंदगी में जैसे जैसे आगे बढ़े, एक कट्टर परोपकारी बनते गए. उनके बारे में कहा जाता है कि वो अक्सर छात्रों की आर्थिक मदद करते रहते हैं.
वह जनता के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं. वह देश में सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए दो गैर सरकारी संगठन - इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (NID) फाउंडेशन चलाते हैं.