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IIT में पढ़े, IAS की नौकरी छोड़ी... वायरल सिंगर कशिश ने शेयर की अपनी जर्नी

पीर नसीरुद्दीन नसीर की ल‍िखी और नुसरत फतेह अली खान की आवाज में मकबूल हुई गजल 'वो भी अपने न हुए दिल भी गया हाथों से...', के बस कुछ शे'र की 38 सेकेंड वाली इंस्टाग्राम रील एक ऐसे इंसान की कहानी सामने लाई, जिसने IIT से बी.टेक करने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली IAS की नौकरी पाई और उसे छोड़ भी दि‍या. और अब म्यूजिक के पैशन को अपना फुलटाइम काम बना दिया.

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EX IAS Officer Kashish Mittal (Photo: ITG)
EX IAS Officer Kashish Mittal (Photo: ITG)

कई लोग कामयाब होते हैं… लेकिन कुछ ही लोग अपने अंदर की आवाज को सुनकर ‘आजाद’ होते हैं. आज हम आपकी मुलाकात एक ऐसे ही 'आजाद इंसान' से करवा रहे हैं—जो दुनिया की नजरों में बहुत कुछ छोड़ बैठा, लेकिन खुद की नज़रों में सब कुछ पा गया. उसने हर उस ढांचे को तोड़ा, जिसे दुनिया 'कामयाबी' कहती है. AIR 4 के साथ JEE परीक्षा पास कर IIT दिल्ली से बी.टेक किया, फिर UPSC क्लियर कर IAS अफसर भी बने... लेकिन अंदर एक कलाकार था, जो सिर्फ सुर, ताल, राग और संगीत के लिए जीना चाहता था. अब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वायरल सेंशेसन कशिश मित्तल ने आजतक डीजिटल से बात की और अपनी पूरी जर्नी शेयर की. 

1989 में पंजाब के जालंधर में जन्मे कशिश मित्तल ने बेहद कम उम्र में भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में कदम रखा. आईपीएस अफसर जगदीश कुमार और संगीता मित्तल के बेटे कशिश ने महज आठ साल की उम्र में अपने छोटे भाई लविश के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा शुरू की. संगीत के प्रति उनकी रुचि और प्रतिभा इतनी प्रबल रही कि महज 11 साल की उम्र में उन्होंने स्टेज परफोर्मेंस दी. कशिश ने बताया कि उन्होंने बचपन में ही 'गुरु-शिष्य परंपरा' के तहत आगरा घराने के प्रतिष्ठित गायक पंडित यशपाल जी की शरण ली. पंडित यशपाल से उन्हें न केवल कठोर और अनुशासित प्रशिक्षण मिला, बल्कि आगरा घराने की खास शैली — ख्याल गायकी की बारीकियों को भी सीखने का मौका मिला. 

कशिश बताते हैं, 'बारहवीं के बाद उन्होंने JEE की परीक्षा दी जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 4 हासिल की. जिसके बाद साल 2006 में प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की डिग्री पूरी की. कॉलेज के दिनों को याद कर कशिश कहते हैं कि कॉलेज टाइम में दोस्तों-यारों के साथ जैमिंग किया करते थे, लेकिन बाकियों की तरह उनके हाथ में गिटार न होकर तानपूरा होता था.'

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पहले ही अटेम्प्ट में पास की UPSC परीक्षा

IPS पिता के बेटे कशिश ग्रैजुएशन के दौरान से ही UPSC की भी तैयारी का रहे थे. ये उनकी मेहनत ही थी कि उसी साल 2010 में पहले ही अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर भी कर लिया. UPSC में AIR 58 हासिल की. खास बात ये थी कि महज 21 साल की उम्र में उन्होंने UPSC एग्जाम पास किया था. कशिश अपने बैच में सबसे यंग थे. कशिश कहते हैं क‍ि क्लासिकल म्यूजिक से उन्हें पढ़ाई के दौरान Concentration पावर बढ़ने और चीजें रीटेन करने में मदद मिली. UPSC इंटरव्यू के एक्सपीरियंस पर कशिश बताते हैं कि क्योंकि मेरी हॉबी म्यूजिक थी तो मुझसे इंडियन क्लासिकल म्यूजिक से जुड़ी काफी चीजें पूछी गई. 

Kashish UPSC Interview

करीब एक दशक तक बतौर IAS की नौकरी

IAS ज्वाइन करने के बाद उन्होंने कई पदों पर अपनी सेवा दी. कशिश ने बताया कि वे केंद्रशासित प्रदेश कैडर (UT Cadre) से थे. पंजाब के चंडीगढ़ में बतौर SDM, ADC रहे. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग में डिप्टी कमीश्नर (DC) रहे. इसके बाद सेंट्रल Deputation पर दिल्ली नीति आयोग VC ऑफिस में भी सेवाएं दी. करीब एक दशक तक बतौर IAS सेवा देने के बाद कशिश ने एक बड़ा फैसला लिया और सिविल सर्विस जैसी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ दी. जो इतने बड़े मुकाम पर पहुंचने के बाद किसी के लिए बहुत मुश्किल होता है. 

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क्यों छोड़ी IAS की नौकरी?

इतने बड़े फैसले के पीछे क्या वजह रही? इसके जवाब में कशिश कहते हैं कि 'ये कॉल एकदम से नहीं लिया गया, म्यूजिक हमेशा मेरे साथ रहा. IIT, IAS फील्ड, सभी में मैं अपने काम से संतुष्ट था, लेकिन अंदर से हमेशा संगीत को लेकर लगता था कि मैं इसे और ज्यादा वक्त दे पाऊं. 10 साल IAS में देने के बाद लगने लगा कि अब ऐसा करूं जो मुझे अंदर से भी खुशी दे'. 

Kashish Mittal IAS Services

क्या कभी किसी ने कहा नहीं कि कुछ और करना था तो क्यों खा़मखा़ एक सीट खराब कर दी? इसपर कशिश कहते हैं कि मेरा मानना है कि जब आप पढ़ाई कर रहे हैं तो ऐसी कीजिए क‍ि उसमें अपना बेस्ट दें, तो मैंने IIT निकाला, फिर UPSC के लिए पढ़ा तो वो क्रैक किया. कशिश का मानना है कि आप कितने वक्त तक कोई चीज कर रहें हैं वो मायने नहीं रखता, आपने जब तक जो काम किया, उसे कितनी शिद्दत से किया, वो जरूरी है. और आपने अपनी लाइफ में जिस भी पड़ाव में जो अनुभव लिया वो हमेशा आपके साथ रहता है. 

जॉब छोड़ने के बाद कैसे बदली लाइफ? 

जॉब छोड़ने के बाद लाइफ कैसी है, कैसे म्यूजिक को आगे लेकर जा रहे हैं? इस पर कशिश का कहना है कि वो अब भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर टेक्नोलॉजी से जुड़े काम कर रहे हैं. AI एजुकेशन से जुड़े एक प्रोजेक्ट के साथ में म्यूजिक को भी आगे लेकर जाने में जुटे हैं. कई लीडिंग म्यूजिक फेस्टिवल में हिस्सा लेते हैं, परफॉर्म करते हैं.

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Kashish Mittal Music

आमतौर पर हमारे आसपास किसी  का IIT तक पहुंच जाना, IAS बन जाना कामयाबी का पैमाना माना जाता है. लेकिन कशिश ने वो ढांचा तोड़ा है, जिसे दुनिया आइडियली 'कामयाबी' का नाम देती है. इस पर कशिश कहते हैं कि- मेरे लिए कामयाबी का मतलब है, जो काम आपको सबसे ज्यादा खुशी दे रहा है. या यूं कहें- काबिल बनो, कामयाबी खुद आपके पीछे चलेगी. और कशिश के साथ हुआ भी यही. कशिश ने नसीरुद्दीन नसीर के लिखे और नुसरत फतेह अली खान की आवाज में गाए गए 'उन के अंदाज़-ए-करम, उन पे वो आना दिल का' गजल के कुछ शे'र अपनी आवाज में इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किए.

वायरल वीडियो के पीछे क्या कहानी थी?

 'वो भी अपने न हुए दिल भी गया हाथों से, ऐसे आने से तो बेहतर था न आना दिल का...'

बस फिर 38 सेकेंड की इस रील पर कब व्यूज मिलियन में पहुंच गए, ये देख कशिश खुद हैरान रह गए.इस वायरल रील के पीछे की कहानी पर वे बताते हैं कि ' चंडीगढ़ में मेरे कुछ दोस्त हैं जो म्यूजिक और शे'र-ओ-शायरी का शौक रखते हैं. कुछ दिन पहले हमारे एक दोस्त के घर पर मिलने का प्लान बना. बॉलीवुड सिंगर जसप‍िंदर नरूला भी वहां मौजूद थीं. इस बीच मैंने भी कुछ गाया, ज‍िसे दोस्त रिकॉर्ड कर रहे थे. मैंने वो वीडियो शेयर किया. शाम तक देखा तो उसपर मिलियन व्यूज और लाखों शेयर थे. तब मुझे खुद लगा कि ये कुछ ऐसा अलग हुआ है, जो आजतक नहीं हुआ था. 

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लोगों से मिल रहे इस प्यार को लेकर कशिश का कहना है कि ये सब मैं खुद प्रोसेस नहीं कर पा रहा हूं, इतने मैसेज, कॉल. बस यही कोशिश आगे भी रहेगी कि लोगों के दिल में अपने म्यूजिक के जरिएजगह बना पाऊं, उनका प्यार पा सकूं.

कई नामी मंचों पर कर चुके हैं परफॉर्म

ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के रेगुलर कलाकार होने के अलावा, कशिश मित्तल ने देशभर में कई प्रमुख संगीत समारोहों और मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों से सुनने वालों का द‍िल जीता है. उन्होंने तानसेन समारोह (ग्वालियर), जश्न-ए-रेख्ता (दिल्ली), राग अमीर फेस्टिवल (इंदौर) जैसे नामी आयोजनों में अपनी बेहतरीन गायकी से खास पहचान बनाई है. उनकी गायकी में जो गहराई और भावनात्मक जुड़ाव होता है, वह हर सुनने वाले के दिल को छू जाता है.

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