उत्तर प्रदेश में परीक्षा पर चले चार दिन के संग्राम के बाद यूपीपीएससी ने अभ्यर्थियों की मांग को स्वीकार कर लिया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने गुरुवार को समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा स्थगित कर दी. साथ ही एक समिति का गठन किया गया है जो नए सिरे से सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द से जल्द डिटेल्ड रिपोर्ट पेश करेगी. दूसरी ओर यूपी पीसीएस परीक्षा को पुराने पैटर्न यानी सिंगल शिफ्ट में कराने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाया है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चार दिन बाद अभ्यर्थियों की मांग स्वीकार करने पर योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार ने अभ्यर्थियों की आधी मांग ही मानी है, जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी परीक्षा क्यों नही.
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है. अभ्यर्थियों की जीत होगी. ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती. जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं. चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है. जब भाजपा जाएगी तब 'नौकरी' आएगी.'
डिप्टी सीएम बोले- छात्रों के खिलाफ FIR लिखने वालों को बात नहीं करनी चाहिए
अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि छात्रों के खिलाफ एफआईआर लिखने वालों को यूपीपीएससी परीक्षा के बारे में बात नहीं करनी चाहिए. इंडिया टुडे से बात करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार छात्रों के हितों के लिए चिंतित है और नॉर्मलाइजेशन पर आपत्ति वापस ले ली गई है और एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने आगे कहा, 'विपक्ष को छात्रों के नाम पर राजनीति करने में शर्म आनी चाहिए और अखिलेश यादव ने खुद छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और पहले आयोग में किस तरह भ्रष्टाचार हुआ था, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए. हम उपचुनाव जीत चुके हैं और इस तरह की रणनीति से सपा को कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि सरकार छात्रों के साथ है और उसने तुरंत कार्रवाई की है.' उन्होंने छात्रों से परीक्षा की तैयारी करने की अपील की और उन्हें आगाह किया कि वे समाजवादी पार्टी की चालों से प्रभावित न हों.
बता दें कि यूपीपीएससी ने RO/ARO भर्ती परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को अलग-अलग शिफ्ट में होनी थी. इसके अलावा आयोग ने प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न पर आयोजित करने की घोषणा की है. आयोग ने आधिकारिक नोटिस जारी इसकी पुष्टि कर दी है.
आयोग की वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार, यूपी पीसीएस परीक्षा सैद्धान्तिक रूप से पुराने पैटर्न यानी सिंगल शिफ्ट कराने जाने का निर्णय लिया है, जबकि समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द से जल्द डिटेल्ड रिपोर्ट पेश करेगी. इस परीक्षा में 10 लाख से अधिक (10,76,004) अभ्यर्थियों के परीक्षा में बैठने की उम्मीद है.
यूपी पीसीएस का नोटिस
RO/ARO भर्ती परीक्षा का नोटिस
यूपी RO/ARO भर्ती परीक्षा कब होगी?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद आयोग ने अभ्यर्थियों की 'वन डे वन शिफ्ट' और नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग को स्वीकार कर लिया है. इस फैसले के बाद आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिस जारी कर इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है. हालांकि आयोग ने अभी आरओ/एआरओ परीक्षा की नई तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि ताजा अपडेट के लिए वेबसाइट पर नजर बनाए रखें.