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सड़क पर तौलिया बेचने वाले का बेटा बनेगा इंजीनियर, JEE Mains में आए 99.2%

सालों से धूप में खड़े होकर तौलिया बेचकर बेटे को पढ़ाया. अब बेटे ने 12वीं के बाद JEE mains में 99.2 परसेंट लाकर DTU में एडमिशन लिया है. बेटा कंप्यूटर इंजीनियर बनकर पिता को आराम, ओहदा और खुश‍ियां देना चाहता है.

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पिता मॉल के बाहर बेचते हैं तौलिया, बेटा बनेगा इंजीनियर
पिता मॉल के बाहर बेचते हैं तौलिया, बेटा बनेगा इंजीनियर

नोएडा के इलाके में रिक्शे में रखकर तौलिया बेचने वाले बलवंत सिंह के बेटे ने दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया हैं. मूलरूप से अलीगढ़ के रहने वाले बलवंत सिंह नोएडा सेक्टर 37 से 18 की तरफ आने वाले रोड यानी नोएडा दादरी रोड सेक्टर 38 पर पिछले 25 साल से तौलिया बेचने का काम कर रहे हैं. 

बलवंत कहते हैं कि पूरे दिन धूप में कमाने के बाद 1000 रुपए तक हाथ में आता है. बलवंत के दो बच्चे है. 18 वर्षीय बेटा सुरजल और 20 वर्षीय बेटी मुस्कान दोनों पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं. बेटा सुरजल पढ़ने में अच्छा था. उसकी IIT में एडमिशन लेने की चाहत थी, 12वीं के बाद एक साल का ड्रॉप किया और ऑनलाइन कोचिंग क्लास लेकर JEE mains की तैयारी शुरू कर दी. 

JEE mains में सुरजल को 99.2 परसेंट नंबर मिले क्यूंकि उनका एक साल ड्रॉप हो गया था. इसलिए सुजल JEE advance का एग्जाम नहीं दे सके हालाकि mains में अच्छे परसेंटेज के कारण दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग में सुजल का चयन हो गया. बलवंत कहते हैं कि बेटा पढ़ने में अच्छा है किसी तरह मेहनत कर के बच्चो को पढ़ाएंगे. बलवंत ने बताया कि सुजल आगे चल के UPSC की तैयारी करना चाहता है बलवंत की बेटी मुस्कान भी पढ़ने में अच्छी है और वो इग्नू से Bsc कर रही है साथ ही साथ UPSC की भी तैयारी कर रही है. 

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बलवंत ने बताया कि पढ़ाने के लिए ज्यादा पैसे नही थे इसलिए बेटे का एडमिशन भी दिल्ली के मोरी गेट के पास सरकारी स्कूल में करवाया था. DTU की सालाना फीस दो लाख रुपए है जिसे बलवंत ने किसी तरह अपने रिश्तेदारों से लेकर दिया. बलवंत का कहना है कि बेटे को पढ़ाने के लिए लोन लेंगे, इसी महीने से बेटा कॉलेज जा रहा है. बेटे ने पढ़ाई के लिए लैपटॉप लाने के लिए कहा है. लोन लेकर लैपटॉप भी खरीदेंगे. 

 

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