scorecardresearch
 

बिजनौर की नन्हीं साइंटिस्ट वंशिका, अब ISRO में लेंगी फ्री ट्रेनिंग, ऐसे मिला चांस

इस युवा वैज्ञानिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पूरे भारत से लगभग 2 लाख 83 हजार 603 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. इनमें से 350 छात्रों का चयन हुआ, जिनमें बिजनौर जिले की वंशिका अग्रवाल का 122वां रैंक आया है.

Advertisement
X
ISRO के साइंटिस्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए चुनी गईं बिजनौर वंशिका.
ISRO के साइंटिस्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए चुनी गईं बिजनौर वंशिका.

बिजनौर जिले से एक खुशखबरी आई है जिसने पूरे उत्तर प्रदेश को गौरवान्वित कर दिया है! मोर्डन एरा पब्लिक स्कूल, बिजनौर की नौवीं कक्षा की छात्रा वंशिका अग्रवाल को युवा वैज्ञानिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (young scientist training program) के लिए पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ISRO द्वारा चुना गया है.

करीब 3 लाख छात्रों ने किया था रजिस्ट्रेशन
दरअसल, इस युवा वैज्ञानिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पूरे भारत से लगभग 2 लाख 83 हजार 603 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. इनमें से 350 छात्रों का चयन हुआ, जिनमें बिजनौर जिले की वंशिका अग्रवाल का 122वां रैंक आया. वंशिका के चयन ने न केवल बिजनौर जिले का बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.

9वीं क्लास की छात्रा का कैसे हुआ इसरों में चयन?
ISRO ने वंशिका के चयन के लिए कई मापदंडों को ध्यान में रखा. इनमें राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी में उसका चयन, शिविर द्वारा आयोजित विज्ञान परीक्षा में पहला स्थान, जिला स्तर पर खेलों में पहला स्थान, ISRO द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पहला स्थान और स्कूल में उसका शैक्षणिक प्रदर्शन शामिल थे.

ISRO उठाएगा ट्रेनिंग का पूरा खर्च
वंशिका के प्रशिक्षण का पूरा खर्च ISRO द्वारा ही उठाया जाएगा. इसमें वंशिका का रहना, खाना और ट्रेनिंग शामिल है. इसके अलावा परिवहन आदि का पूरा खर्च भारत सरकार और ISRO वहन करेगी. यह प्रशिक्षण 12 मई 2024 से 24 मई 2024 तक 12 दिनों तक चलेगा. प्रशिक्षण केंद्र बेंगलुरु स्थित यू.आर. राव उपग्रह केंद्र है, जहां छात्रों को ट्रेनिंग लेनी होगी.

Advertisement

क्या है ISRO का युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम?
ISRO की वेबसाइट के अनुसार - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन स्कूली बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम "युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम" "युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम", YUVIKA का आयोजन कर रहा है, ताकि युवा छात्रों को स्पेस टेक्नोलॉजी, स्पेस साइंस और स्पेस एप्लीकेशंस की बेसिक नॉलेज हो सके. यह कार्यक्रम स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी में उभरते रुझानों के बारे में जानकारी देता है, जो हमारे देश के भविष्य के निर्माण खंड हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement