Students on NEET Re-exam: सुप्रीम कोर्ट में आज ग्रेस मार्क्स की याचिका पर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देशित किया है कि ग्रेस मार्क्स वाले 1563 छात्रों का री-एग्जाम कराया जाए. यह परीक्षा 23 जून को आयोजित होगी. इसको लेकर मेडिकल छात्रों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
री-एग्जाम को लेकर क्या बोले मेडिकल छात्र?
aajtak.in से बातचीत में मेडिकल की एक छात्रा ने कहा कि 'फिजिक्स के एक सवाल में गड़बड़ हुई थी. जिन बच्चों ने उस सवाल को छोड़ दिया था उनको 4 नंबर दिए गए और जिन स्टूडेंट्स ने किसी एक ऑप्शन को चुना उन्हें 5 नंबर दिए गए. एनटीए ने सिर्फ 1563 बच्चों के री-एग्जाम को करने की बात कही है. आप इनफ्लेशन का बोल रहे हैं, एनटीए कह रहा है कि बच्चे ज्यादा पढ़ रहे हैं लेकिन सिर्फ ऐसा क्यों कि 650 नंबर से ज्यादा तक के बच्चे पढ़ रहे हैं. पहले 7 हजार बच्चों के इतने मार्क्स आते थे जो कि इस साल के एग्जाम में 30 हजार बच्चों के आ रहे हैं.
अंकित ने कहा ग्रेस मार्क्स की वजह से रैंक में गड़बड़ी हुई है
एक अन्य छात्र अंकित ने री-एग्जाम को लेकर कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि आपने क्यों 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए. जब आपको री-एग्जाम करवाना ही था तो जब हमने पूछा तो आपने कोई जवाब नहीं दिया. पिछले साल 650 नंबर पर 6 से 7 हजार रैंक बनती थी वहीं, इस साल मेरी 29 हजार कुछ रैंक है.
ग्रेस मार्क्स वाले स्टूडेंट्स का होगा री-एग्जाम
जिन स्टूडेंट्स को एनटीए की तरफ से ग्रेस मार्क्स दिए गिए हैं उनको एनटीए ने दो ऑप्शन दिए हैं. यह छात्र री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर अपने पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं लेकिन उनके स्कोरकार्ड से ग्रेस मार्क्स हटा दिए जाएंगे. जिन कैंडिडेट को कॉन्फिडेंस है कि वे दोबारा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे री-एग्जाम में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं.