बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा ने IIM अहमदाबाद में एडमिशन लिया है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर करते हुए यह जानकारी साझा की है. नव्या अब अपनी आगे की पढ़ाई नामी संस्थान आईआईएम से करने वाली हैं. लेकिन नव्या की इस पोस्ट के बाद एक बवाल और खड़ा हो गया है.
नव्या नवेली नंदा की पोस्ट के बाद लोगों के मन में यह सवाल उठा कि उन्होंने कैट का एग्जाम नहीं दिया है, फिर उन्हें आईआईएम जैसे संस्थान में एडमिशन कैसे मिला है. इस सवाल पर उनके प्रोफेसर ने जवाब दिया कि उनका सीवी बहुत मजबूत है. साथ ही उन्होंने कहा कि नव्या नवेली ने जिस कोर्स में एडमिशन लिया है, उसके लिए कैट स्कोर की जरूरत नहीं होती है. जानिए कौन सा है ये कोर्स और क्या आप भी इसमें बिना CAT के एडमिशन पा सकते हैं.
किस कोर्स में लिया नव्या ने एडमिशन?
दरअसल, नव्या नेवली नंदा का दाखिला BPGP MBA प्रोग्राम में हुआ है. इस प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए कैट का एंट्रेस टेस्ट नहीं देना पड़ता है. इस प्रोग्राम की क्लासेस ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में ली जाती हैं. हाइब्रोड मोड की इस पढ़ाई में लाइव ऑनलाइन सेशन्स और ऑन कैम्पस मॉड्यूल्स होते हैं. इसमें दो साल की पढ़ाई है. सिर्फ यह टेस्ट ही नहीं इसमें इंटरव्यू भी होता है और आपके एकेडमिक स्कोर भी देखे जाते हैं.
CAT ही नहीं, इन एग्जाम से भी होता है एडमिशम
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कैंडिडेट के पास ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद कम से कम 3 साल का फुल टाइम वर्क एक्सपीरिएंस होना चाहिए. इसमे आयु सीमा भी तय की गई है. 24 साल से कम उम्र वाले कैंडिडेट्स इस कोर्स का हिस्सा नहीं बन सकते हैं. साथ ही किसी भी विषय में कम से कम ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य है. आवेदन करने के लिए, आपको ऑनलाइन एमबीए के लिए ऑनलाइन IIMA प्रवेश परीक्षा (IAT) देनी होगी, या आपके पास वैध CAT, GMAT, या GRE स्कोर होना चाहिए. यदि आप इन मानदंडों को पूरा करते हैं, तो आपको इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नव्या नवेली नंदा ने लंदन के सेवनोक्स स्कूल से अपनी सेकंडरी एजुकेशन पूरी की है. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने न्यूयॉर्क की फोर्डहम यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था. विदेश की इस प्राइवेट यूनिवर्सिटी से नव्या ने डिजिटल टेक्नोलॉजी और यूएक्स डिजाइन में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. वह प्रोजेक्ट नवेली की फाउंडर हैं. यह भारत में लैंगिक असमानता के मुद्दे से लड़ने की खास पहल है.