गढ़चिरौली पुलिस ने आदिवासी क्षेत्रों और बेहद दुर्गम क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं की मदद के लिए एक निजी फर्म के साथ मिलकर पच्चीस बेरोजगार आदिवासी युवाओं को रोजगार देने की पहल की है. गढ़चिरौली पुलिस ने जिले भर के बेरोजगार युवाओं और माओवाद के कारण प्रभावित लोगों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया था. इस सप्ताह इसी पहल के तहत मालवाडा क्षेत्र के पच्चीस बेरोजगार युवाओं को हैदराबाद में एक निजी सुरक्षा फर्म के साथ भर्ती किया गया था.
महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला माओवाद प्रभावित जिलों में से एक है और जिले भर में कई इलाके अभी भी सैकड़ों किलोमीटर में फैले घने जंगलों के कारण बेहद दुर्गम हैं. जिला पुलिस इन क्षेत्रों के स्थानीय आदिवासियों को निर्माण, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचे के विकास और अन्य गतिविधियों जैसे विभिन्न प्रयासों में मदद करने के लिए विभिन्न पहल कर रही है. पुलिस अधीक्षक गढ़चिरौली अंकित गोयल ने अपने अधिकारियों के साथ मालवाड़ा पुलिस सहायता केंद्र और कुरखेड़ा डिवीजन की मदद से हैदराबाद, तेलंगाना स्थित AAIMS प्रोटेक्शन सर्विसेज फर्म के सुरक्षा गार्ड के रूप में युवाओं की भर्ती की है.
अब तक जिला पुलिस ने 263 पुरुषों और 105 महिलाओं को सुरक्षा गार्ड और नर्सिंग सहायकों के रूप में रोजगार दिलाया है. मछली पालन के लिए लगभग तीस पुरुषों को ट्रेनिंग और आवश्यक सामग्री भी प्रदान की गई और पैंतीस महिलाओं को जिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ब्यूटीशियन के रूप में ट्रेन किया गया है. उचित रोज़गार युवाओं को माओवादी कैडर में शामिल होने से रोकने में मदद कर सकता है और उन्हें अपने और अपने परिवार के लिए आजीविका प्रदान करने में भी मदद कर सकता है.
यह इलाका माओवाद से प्रभावित रहा है और इसमें तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिले भी शामिल हैं. मई 2019 में माओवादियों द्वारा किए गए IED हमले में 15 गढ़चिरौली पुलिस के जवान और 1 ड्राइवर की मौत हो गई थी.