कोरोना वायरस महामारी के बीच ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE MAIN 2020) परीक्षा का आज दूसरा दिन है. जेईई पेपर 1 की परीक्षा हो चुकी है. छात्रों ने बताया, इस बार की परीक्षा जनवरी सेशन में हुई परीक्षा से आसान थी.उम्मीदवारों और विशेषज्ञों ने कहा कि गणित का सेक्शन सभी में सबसे कठिन था. फिजिक्स सेक्शन मीडियम और कैमिस्ट्री सेक्शन आसान था. परीक्षार्थियों ने बताया न्यूमेरिकल सेक्शन काफी लंबा था. बता दें, पेपर 2 की परीक्षा शाम 6 बजे खत्म होगी.
दोपहर तीन बजे से दूसरी पारी की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. पहली पारी की परीक्षा के बारे में छात्रों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ छात्रों ने पेपर को सरल तो कुछ ने थोड़ा कठिन बताया. परीक्षा केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के अनुसार परीक्षा ली गई. बता दें कि दोनों पारियों में कुल 85,000 छात्र परीक्षा दे रहे हैं. आप परीक्षा से जुड़ी कोई भी डिटेल NTA की आधिकारिक वेबसाइट JEE Main nta.nic.in पर देख सकते हैं.
दूरदराज के इलाकों से परीक्षा देना आए छात्रों ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि परीक्षा केंद्र पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए इंतजाम से वो खुश हैं. हालांकि कुछ छात्रों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए यातायात साधनों की दिक्कत हो रही है. दिल्ली के रहनेवाले अंशुमान ने कहा कि पहले तो डर था लेकिन परीक्षा केंद्रों के भीतर इंतजाम अच्छे थे. हमें मास्क और सैनिटाइजर भी दिया गया. इसके अलावा परीक्षार्थियों को कल दूर-दूर बिठाया गया था. राहुल अपने घर से 50 किलोमीटर का सफर तय करके इम्तहान देने आए थे और बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले दिन अंदर सारी व्यवस्थाएं तो अच्छी थी लेकिन दूर से आने के लिए अगर मेरे पास गाड़ी नहीं होती तो परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत हो सकती थी. राहुल का कहना है कि दूर सुदूर इलाके में उन छात्रों को दिक्कत हो सकती है जिनके घर परीक्षा केंद्रों से दूर हैं और अगर वहां यातायात की सुविधा नहीं है तो छात्र क्या करेंगे. छात्रों द्वारा परीक्षा का विरोध किए जाने को लेकर हरलीन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि छात्रों को संक्रमण का डर था जो कि किसी को भी हो सकता है लेकिन जिस तरह के बंदोबस्त किए गए हैं अगर ऐसा ही इंतजाम हर परीक्षा केंद्र पर हुआ तो वायरस से बचा जा सकता है और परीक्षाएं भी पूरी की जा सकती हैं.
JEE के छात्र अपनी दूसरी शिफ्ट के लिए सेंटर पहुंच चुके हैं. रिपोर्टिंग टाइम 2 बजे है. परीक्षा 3 बजे से शाम 6 बजे तक होगी. वहीं छात्रों को परीक्षा केंद्र में 2:30 बजे से प्रवेश मिलेगा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार ने एनईईटी और जेईई उम्मीदवारों की मांग को नजरअंदाज कर दिया है जो कोविड -19 महामारी के बीच प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे थे. राहुल गांधी ने आगे कहा कि मांग को "अहंकार" के कारण नजरअंदाज कर दिया गया था और यह कदम भारत के भविष्य को खतरे में डाल रहा है.
इस साल बिहार, गोवा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सहित देश के विभिन्न राज्यों में छात्र जेईई मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित हुए. परीक्षा कोरोना वायरस महामारी के बीच आयोजित की गई है. ऐसे में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं.
गुजरात के लगभग 45 प्रतिशत उम्मीदवारों ने जेईई परीक्षा को छोड़ दिया है. एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों का प्रतिशत पहले के वर्षों में 25-30 प्रतिशत और मौजूदा आंकड़ों में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
कोरोना वायरस के कारण छात्रों को परीक्षा केंद्र पह पहुंचने के लिए यातायात के साधन नहीं मिल रहे हैं. वहीं एक छात्र ने बताया., 31 अगस्त की रात 9.30 बजे तक, वेंकट आर को यकीन नहीं था कि वह ऊटी में अपने गृहनगर से कोयंबटूर में अपने जेईई परीक्षा केंद्र तक पहुंच पाएंगे. उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि मैं परीक्षा में शामिल नहीं हो पाऊंगा, क्योंकि दोनों स्थानों के बीच परिवहन का कोई साधन नहीं था. जिसके बाद मैं Eduride पोर्टल पर गया, उन्होंने तुरंत एक टैक्सी की व्यवस्था की. मैं समय पर केंद्र पर पहुंच गया. पोर्टल की वजह से में मैं समय पर केंद्र पहुंच पाया हूं.
कोविड प्रकोप के बाद पहली राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन, 1 सितंबर से लगभग 8.58 लाख छात्रों ने इसके लिए आयोजित की जा रही है. कल की परीक्षा को लेकर छात्र परीक्षा केंद्रों पर बरती गई सावधानियों को देखकर खुश थे. इसी के साथ ज्यादातर छात्रों ने कहा, परीक्षा जनवरी सेशन में हुई परीक्षा से आसान थी. वहीं कुछ छात्रों को परिवहन की सुविधा नहीं मिली थी. बता दें, परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की जा रही है. ऐसे में छात्र परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र पहुंच चुके हैं.