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Bank Jobs की तैयारी कराएगा आईआईटी कानपुर, जानिए कैसे उठाएं 'साथी आईबीपीएस' का लाभ

शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से "साथी आईबीपीएस प्लेटफॉर्म" की शुरुआत की गई है. जो युवा बैंकिंग प्रतियोगिताओं की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें इससे मदद मिलेगी. इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन पोर्टल ibps.iitk.ac.in के माध्यम से या ऐप स्टोर या Google Play Store से 'साथी आईबीपीएस' एप्लिकेशन डाउनलोड करके कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IITK) ने बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) द्वारा आयोजित बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी में उम्मीदवारों की मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम Sathee IBPS के शुभारंभ की घोषणा की है. यह पहल इच्छुक छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधन प्रदान करने और उनका समर्थन करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से पूरी की गई है.

शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से "साथी आईबीपीएस प्लेटफॉर्म" की शुरुआत की गई है. जो युवा बैंकिंग प्रतियोगिताओं की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें इससे मदद मिलेगी. इस तरह के कोर्स कोचिंग संस्थाएं कराती हैं जिससे यह अधिक गुणवत्तापूर्ण होगा. आर्थिक रूप से कमजोर और दूरदराज क्षेत्रों के लोगों को इससे काफी मदद मिलेगी. 

कैसे मिलेगा साथी आईबीपीएस का लाभ?
IIT कानपुर ने एक बयान में कहा, "यह प्रोग्राम IBPS क्लर्क परीक्षा के लिए स्टडी मटेरियल प्रदान करेगा, और अन्य IBPS परीक्षाओं को कवर करने के लिए इसके प्रस्तावों का विस्तार करने की योजना है. इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन पोर्टल ibps.iitk.ac.in के माध्यम से या ऐप स्टोर या Google Play Store से 'साथी' एप्लिकेशन डाउनलोड करके कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं."

शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने प्लेटफॉर्म के डिजाइन के बारे में बताया कि इस प्लेटफॉर्म को डिजिटल डिवाइड को पाटने, आईबीपीएस की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए एक शैक्षिक वातावरण बनाने और उनकी भौगोलिक या आर्थिक सीमाओं की परवाह किए बिना उनकी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है." 

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आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि एप्लिकेशन का लॉन्च शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश भर में छात्रों को सशक्त बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के हमारे सक्रिय उपयोग का उदाहरण है, युवाओं केवल परीक्षाओं के लिए बल्कि एक सफल भविष्य के लिए तैयार करेगा." प्रोग्राम के हेड प्रोफेसर अमेय करकरे ने कहा कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड ट्यूशन सिस्टम से चलाया जाएगा. 

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