
गुजरात सरकार ने सरकारी स्कूल में भगवद् गीता का सार पढ़ाने का फैसला किया है. स्कूली बच्चों को भगवद् गीता का सार पढ़ाने के लिए गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने इसका पाठ्यक्रम जारी कर दिया है. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत इसे अमल किया जा रहा है.
दरअसल, गीता हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को मनाई जाती है.इस साल 22 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जा रही है. सनातन धर्म में यह इकलौता ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है. इस मौके पर गुजरात सरकार ने कक्षा 6वीं से 8वीं के स्कूली बच्चों को भगवद् गीता पढ़ाने का फैसला किया है.
शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि इससे बच्चे अपने स्कुल जीवन से ही भगवद् गीता का पाठ पढ़ेंगे जिससे जीवन जीने का नया तरीके सीखेंगे. भगवद् गीता सिर्फ एक धर्म का नहीं पर सभी धर्मों का सार है. यह जीवन जीने की एक कला है और 700 श्लोकों का सार बच्चे पढ़ेंगे. निराशा मे आशा का संचार करने वाली सोच बच्चों को लाभ देंगी.

इससे पहले गुजरात सरकार ने पिछले साल इस बात की घोषणा की थी कि नए सत्र से विद्यार्थियों को भगवद् गीता पढ़ाई जाएगी लेकिन पाठ्यक्रम निश्चित करने में देरी होने की वजह से अब दूसरे सत्र से स्कूल लागू किया जा रहा है. इसी सत्र से सभी सरकारी विद्यालयों मे बच्चे गीता पढ़ेंगे और इसमे कोई अलग शिक्षक रखने की जरूर नहीं होगी, जिस तरह आम आदमी गीता पढ़ता है वैसे ही इसको पढ़ाया जाएगा.

फिलहाल सिर्फ सरकारी विद्यालयों मे भगवद् गीता का सिलेबस लागू होगा, इसके बाद प्राइवेट स्कूलों मे भी लागू किया जाएगा और इसका मूल्यांकन भी होगा. अगले साल से यह कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए भी इसे अमल लाया जाएगा.