सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं कैंसिल होने के फैसले के बाद देश के ज्यादातर राज्यों ने स्टेट बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं. लेकिन 17 जून तक चार राज्यों असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्रप्रदेश ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया था. लेकिन दो दिनों के भीतर फैसला लेते हुए तीन राज्यों असम, त्रिपुरा और पंजाब ने परीक्षाएं कैंसिल कर दीं. लेकिन इनसे अलग दो राज्यों आंध्र प्रदेश और केरल सरकार का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में है. इन राज्यों में अभी भी परीक्षाएं कराने को लेकर सरकार की सहमति है.
इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में आई याचिका में सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार स्टेट पॉलिसी के तहत परीक्षा आयोजित करना चाहती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के वकील को मंगलवार तक निर्देश लेने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्देश लाएं नहीं तो वो आदेश जारी करेगा. सुप्रीम कोर्ट चार राज्यों की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं पर भी मंगलवार को ही सुनवाई करेगा. बता दें, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा 12वीं के प्राइवेट और कम्पार्टमेंट के छात्रों द्वारा अदालत के समक्ष दायर याचिका पर भी सुनवाई की, जो कि मौजूदा COVID-19 महामारी के बीच उनके लिए ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के CBSE के फैसले के खिलाफ थी.
बता दें कि एक अन्य याचिकाकर्ता ने कहा था कि केरल ने पहले से ही कई एग्जाम करा लिए हैं, यहां क्लास 11 के एग्जाम भी हो गए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि 18 स्टेट ने एग्जाम कैंसिल कराए, वहीं छह स्टेट में बोर्ड एग्जाम कराए गए हैं, लेकिन चार राज्यों ने अभी तक इस पर अपना स्टैंड क्लीयर नहीं किया है, इसे लेकर छात्रों और अभिभावकों में चिंता है.
बता दें कि असम के स्टेट बोर्ड के स्कूलों के छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी परीक्षाएं निरस्त कराने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले छात्र 10वीं और 12 वीं कक्षा के थे. याचिका में राज्य में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति के मद्देनजर परीक्षा संचालित करने वाले बोर्ड को परीक्षाएं रद करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया था.
याचिका में छात्रों ने कहा था कि जब केंद्र सरकार ने सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं तो स्टेट बोर्ड उनके साथ क्यों भेदभाव कर रहे हैं. केंद्र के फैसले के बाद करीब 18 राज्यों ने अपनी बोर्ड परीक्षाएं रद कर दी थीं. लेकिन इन चार राज्यों में 17 जून तक भी बोर्ड परीक्षाएं कैंसिल नहीं की गई थीं जबकि वहां पर कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर बनी हुई है.