AMU Ruckus Update: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में 03 फरवरी को जुमे की नमाज के बाद छात्रों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नारे लगाए. छात्र गणतंत्र दिवस के दिन AMU के एक छात्र और एनसीसी कैडेट वाहिदुज जमा के द्वारा धार्मिक नारे लगाने के बाद उसको निलंबित किए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.
छात्रों की मांग थी कि निलंबित छात्र को बहाल किया जाए. छात्रों ने इससे संबंधित एक ज्ञापन भी दिया. ज्ञापन में छात्रों ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को भी सही बताया. छात्रों ने इस दौरान मीडिया को कोई बयान भी नहीं दिया.
छात्रों द्वारा दिए गए ज्ञापन से AMU के प्रॉक्टर द्वारा कल दिए गए उस बयान की पोल खुलती है जिसमें उन्होंने कहा था कि एएमयू के अंदर जो बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से संबंधित पोस्टर लगाए थे वह किसी बाहरी व्यक्ति ने लगाए थे, उसमें AMU छात्रों का हाथ नहीं है. आज छात्रों के ज्ञापन से यह साफ हो गया कि छात्र बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सही ठहरा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान धार्मिक नारे लगाने वाले मुस्लिम छात्र को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित कर दिया था. उसके बाद पुलिस ने मामले पर FIR दर्ज की थी. छात्र का एनसीसी कैडेट की ड्रेस में अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते हुए वीडियो वायरल हुआ था. हालांकि बाद में कुछ और वीडियो वायरल हुए थे जिसमें हिन्दू समुदाय के छात्र भी धार्मिक नारे लगा रहे थे.
छात्र आज उसी मुस्लिम छात्र के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जुमे की नमाज के बाद विरोध कर रहे थे. छात्रों ने जामा मस्जिद से लेकर बाबे सैयद गेट तक प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला. छात्रों का कहना था कि धार्मिक नारेबाजी दोनों तरफ से हुई थी. जो धार्मिक नारे लगाए गए हैं उसमें एक पक्ष पर ही कार्यवाही की गई है जबकि दूसरे छात्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई. या तो जिस छात्र पर कार्यवाही की गई है उसका निलंबन भी निरस्त किया जाए अन्यथा और कुछ कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे.
प्रॉक्टर से भी की मुलाकात
AMU के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि लड़के इस बात को लेकर आए थे कि 26 जनवरी को जो स्लोगन लगे थे, उस संदर्भ में एक लड़के को सस्पेंड कर दिया था जिसका नाम वाहिदुज जमा है. लड़कों का कहना था कि यह निलंबन ठीक नहीं है और कानून के हिसाब से कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि कोई कार्यवाही बनती है. लिहाजा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जो एक्शन लिया है उसे रीवॉक करें और निलंबन वापस लें.
लड़कों द्वारा प्रॉक्टर को दिए ज्ञापन में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सही बताने के सवाल पर प्रॉक्टर वसीम अली पहले तो टालते रहे, फिर कहा कि नहीं उसके बारे में कोई ऐसी बात नहीं है. लड़कों ने यह कहा कि हम और सारी चीजों पर कुछ नहीं कर रहे लेकिन जो डिमांड है, वह सुनी जानी चाहिए. यूनिवर्सिटी ने जो एक छात्र पर एक्शन लिया है वह उस एक्शन की बात करने आए थे.