आम आदमी पार्टी के संगठन ‘दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन’ ने दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद और विद्वत परिषद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. AAP के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए DU के कॉउन्सिल चुनाव में वादे गिनाने भी शुरू कर दिए हैं.
आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन ‘दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन’ (डीटीए) ने पहली बार दिल्ली यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद (ईसी) और विद्वत परिषद (एसी) के चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारा है. ‘आप’ के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने एलान करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने जिस तरह से सरकारी स्कूलों के अंदर उल्लेखनीय सुधार किया है, आम आदमी पार्टी उसी तरह से दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी गुणात्मक सुधार करना चाहती है.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद चुनाव के लिए डॉ सुनील कुमार को प्रत्याशी बनाया है जो भगत सिंह कॉलेज सांध्य में कॉमर्स के प्रोफेसर हैं. वहीं कार्यकारी परिषद के लिए नरेंद्र कुमार पांडे को प्रत्याशी बनाया है जो राम लाल आनंद कॉलेज में वरिष्ठ प्रोफेसर हैं.
आगे AAP सांसद सुशील गुप्ता ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में विद्वत परिषद और कार्यकारी परिषद, यह दोनों ही विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था हैं जो शिक्षा को लेकर लेकर भविष्य की योजनाएं और पाठ्यक्रम बनाते हैं. जो भी विजन डॉक्यूमेंट होता है, उसको इन्हीं परिषद से अंतिम रूप दिया जाता है. सुशील गुप्ता ने कहा कि इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण चुनाव है. आम आदमी पार्टी उच्च शिक्षा में सकारात्मक हस्तक्षेप करना चाहती है और इसलिए हम लोगों ने इस चुनाव को लड़ने का फैसला किया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय में दो तरह की सर्वोच्च संस्था है, एक कार्यकारी परिषद, जिसे एग्जिक्युटिव काउंसिल (ईसी) और दूसरी विद्वत परिषद है, जिसे हम एकेडमिक काउंसिल (एसी) कहते हैं. इन दोनों परिषदों में शैक्षिक मुद्दे उठाए जाते हैं, जो शैक्षिक मुद्दे होते हैं, वही एसी में पास किए जाते हैं. वहां 26 सदस्य होते हैं. इन 26 सदस्यों में से अभी 9 निर्वाचित हो चुके हैं और 17 का चुनाव 12 फरवरी को होना है जिसमें 22 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
DU परिषद चुनाव के लिए वादे :
5 दिसंबर 2019 को यूजीसी दिल्ली विश्वविद्यालय और एचआरडी मंत्रालय के बीच एक ट्राई पार्टी एग्रीमेंट हुआ था जिसके अंदर यह तय हुआ था कि जब तक सारे स्थाई शिक्षक नियुक्त नहीं होते हैं, किसी भी एडहॉक टीचर को नहीं हटाया जाएगा. एडहॉक टीचर को स्थाई करने को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय अभी तक आज तक 2019 के उस सर्कुलर को मान्य नहीं कर रही है इसे लागू करेंगे.
दिल्ली विश्वविद्यालय में 6 हजार से अधिक टीचर हैं उसमें 40 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं शिक्षिकाएं हैं, जो 30 से लेकर 50 साल की उम्र की हैं और ये 15 से 20 साल से पढ़ा रही हैं. लेकिन किसी भी महिला शिक्षक को आज तक मातृत्व अवकाश नहीं दिया गया है. महिलाओं को मातृत्व अवकाश दिलवाएंगे.
अभी तक एडहॉक टीचर को किसी तरह की कैशलेस चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती है. जिस तरह से स्थाई टीचर को कैशलेस मेडिकल की सुविधा है, उसी तरह से एडहॉक शिक्षकों को भी सुविधा दी जाए. चुनाव जीतते हैं, तो एडहॉक टीचरों के बच्चों के लिए कोटा निर्धारित कर उन्हें एडमिशन दिलवाएंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय में लगभग 700 विकलांग टीचर हैं, उनके लिए 6 या 7 कॉलेज में ही स्पेशल टॉयलेट, रैंप और सीढ़ियां है. जीतने के बाद बाकी कॉलेजों में भी बनवाने का प्रयास करेंगे.
दिल्ली विश्वविद्यालय में 2007 में ओबीसी आरक्षण लागू हुआ था, लेकिन उसे 2010 में लागू किया गया और 2014 में कुछ पद भरने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन पदों को नहीं भरा है. प्रयास रहेगा कि हम इन पदों को भरेंगे. अगर 30 की सर्विस या 50 से 55 की उम्र के व्यक्ति को सेवनिवृत्त करने का नियम आएगा, तो हम उसका पुरजोर विरोध करेंगे और उसको लागू नहीं होने देंगे.
केंद्र सरकार ने 2019 में 10 प्रतिशत आरक्षण ईडब्ल्यूएस के लिए दिया था, रोस्टर में बदलाव आने बाद भी अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय में केवल विभागों में ही ईडब्ल्यूएस पदों को दिया है. किसी भी कॉलेज में ईडब्ल्यूएस पदों को नहीं भरा गया है, इन पदों को भरा जाएगा.
डीटीए प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने उम्मीदवारों से परिचय कराते हुए प्रेस को बताया कि उन्होंने पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ( ईसी ) में अपना उम्मीदवार डॉ. नरेंद्र कुमार पाण्डेय को बनाया है. ये डीयू के रामलाल आनंद कॉलेज के इतिहास विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत्त है, इससे पूर्व ये डूटा कार्यकारिणी के निर्वाचित सदस्य भी रह चुके हैं. पिछले तीन दशक से शिक्षक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इसी तरह उनके विद्वत परिषद (एसी) उम्मीदवार सुनील कुमार है जो शहीद भगतसिंह कॉलेज सांध्य के वाणिज्य विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर है. ये दो बार स्टाफ काउंसिल के सचिव व कॉलेज के लायजन ऑफिसर रहे हैं.