रूस के कैमटचका में आए खतरनाक भूकंप के बाद सुनामी का खतरा बढ़ गया है. 8.8 तीव्रता से आए भूकंप के बाद रूस, जापान और अमेरिका में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. दरअसल, सुनामी इतनी खतरनाक प्राकृतिक घटना है कि उस वक्त विशाल समुद्री लहरें पैदा होती हैं, जो तटीय क्षेत्रों में तेजी से टकराकर घर, इमारतें, और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर सकती हैं. 2003 में जब हिंद महासागर में सुनामी आई थी, तो उस वक्त करीब 2,30,000 लोग मारे गए थे... ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सुनामी का रौद्र रूप कितना खतरनाक हो सकता है.
ऐसे में आज हम आपको सुनामी में बचे लोगों के आपबीती के जरिए ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि जब सुनामी आती है तो उस वक्त क्या होता है. किस तरह खूबसूरत दिखने वाली लहरें तबाही का कारण बनती है और कुछ ही देर में पूरे इलाके को नष्ट कर देती है.
कुछ देर बाद हर तरफ लाशें ही थीं...
इंडोनेशिया में आए भूकंप से 14 देशों में सुनामी आई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे. उस वक्त एलन क्रिसमस की छुट्टियों के लिए अपने परिवार के साथ श्रीलंका गई थीं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एलन ने बताया कि जब वो समुद्र तट के किनारे एक रिसॉर्ट में थेरेपी रूम में मालिश के लिए गईं तो कुछ देर में चीजें बदल गईं. वो तबाही बहुत भयानक थी. उन्होंने बताया, 'मुझे याद है कि वहां लाशें पड़ी थीं और कई लोग बचने की कोशिश कर रहे थे. मुझे याद है कि मैं चाहती थी कि काश मैंने उनके हाथ पकड़ लिए होते. ये याद करके अजीब लगता है कि उस वक्त कुछ नहीं कर सकती थी. मैं कभी-कभी इसके बारे में सपने देखती हूं.'
हर तरफ गाड़ियां बह रही थीं...
11 मार्च 2011 को 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे जापान में सुनामी आई थी. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त कुरोसावा (तब 40 साल) एक चीड़ के पेड़ पर 3 मीटर (10 फीट) ऊपर चढ़ गए, उन्होंने अपने पैरों को पेड़ के चारों ओर लपेट लिया और अपनी जान बचाने के लिए उस पर लटक गए. उन्होंने बताया, 'मुझे ऐसा लग रहा था जैसे समुद्र मेरे चारों ओर है. पानी इतना ठंडा था कि मेरी हड्डियाँ तक ठंडी हो गईं.' उन्होंने बताया कि हर तरफ गाड़ियां बह रही थीं.
आंख खुली तो हर तरफ लाशें थीं...
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, मार्थनिस ने बताया, 'हिंद महासागर की सुनामी के वक्त उस सुबह मैं अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेल रहा था. तेज भूकंप के बाद हम घर भागे और उसके बाद मुझे एक बहुत तेज आवाज सुनाई दी, मानो कोई हवाई जहाज हो. जब मैंने समुद्र की तरफ देखा तो मुझे कुछ ऐसा दिखाई दिया जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था और मैं डर गया. सब भाग रहे थे, हम भी कार से भागे, तभी एक काली लहर ने हमारी कार को टक्कर मारी, जिससे हम कई बार पलटे और फिर मैं बेहोश हो गया. जब मुझे होश आया तो मैं पानी में था. हर जगह लाशें और मलबा बिखरा पड़ा था. मैं कैसे जैसे तैरकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा. मैं वहां 20 दिन तक अकेला रहा. तभी मैंने लोगों को लाशें लेने आते देखा. मेरे परिवार वाले भी सुनामी में मर गए थे.
सुनामी के वक्त समुद्र में ही थे...
महीउद्दीन बताते हैं , 'मैं मछली पकड़ने गया था और हमने वहीं रात बिताई. हम समुद्र में थे, तभी अचानक हमारी नावें हिलने लगीं. उसके बाद हमें दूर से एक बड़ी लहर दिखाई दी. यह असाधारण थी, लगभग 20 मीटर ऊंची. हमनें कई बार ऐसी लहरों का सामना किया. वापस आते समय हमने पानी में तैरती हुई लाशें देखीं. यह अविश्वसनीय था. हमने कई जीवित बचे लोगों को उठाया. जब हम किनारे पर पहुंचे, तो हमने देखा कि जमीन समतल थी, हर जगह मलबा था और पहाड़ साफ दिखाई दे रहा था. मैंने भी अपने परिवार को खो दिया था.'
तेज जैसी लहरें उठी
फौजिया बताती हैं, ' मैं बच्चों के साथ घर पर अकेली थी. मैं बस यही सोच रही थी कि मुझे पास के एक घर की दूसरी मंज़िल पर पहुंचना है. मुझे याद है कि लहर वाकई काली थी. पहले तो हमें समझ नहीं आ रहा था कि यह तेल है या पानी. हम छत पर गए उसके बाद हमें एहसास हुआ कि घर के ऊपर एक नाव आ गिरी है. छत से मैं पानी में तैरते हुए कई लोगों को भी देख सकती थी. हम नाव में चढ़ गए और फिर मैंने प्रार्थना करना शुरू कर दिया. मुझे अपने माता-पिता और अपने पति की चिंता हो रही थी, उसी दिन मर गए थे.