Mikhail Kalashnikov AK-47: दुनिया में सबसे खतरनाक और घातक लड़ाकू हथियार बेशक AK-47 राइफल है, जिसका नाम हम सबने सुना होगा. इसकी 300-350 मीटर की रेज में आने वाले दुश्मन का बचना लगभग नामुमकिन है. कहा जाता है कि इस राइफल की वजह से हर साल 2.50 लाख लोग मारे जाते हैं.
दुनिया को AK-47 राइफल मिखाइल क्लाशिनिकोव ने दी. यह राइफल एशिया व अफ्रीका महाद्वीप में सुरक्षा बलों के साथ-साथ आतंकी संगठनों के बीच भी लोकप्रिय है. AK-47 दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित हुआ हथियार है. ऐसा माना जाता है कि दुनिया में 10 करोड़ से अधिक AK-47 राइफल बिकी हैं. कंपनी ने अपनी छवि सुधारने के लिए इसे शांति का हथियार (वेपंस ऑफ पीस) बताया है.
1947 में हुआ पहला ट्रायल
रूस में मिखाइल कलाश्निकोव की AK-47 राइफल का पहला मिलिट्री ट्रायल साल 1947 में हुआ. इसके बाद इसे रूस की सेना में शामिल करने का आदेश दिया गया. वहीं, अमेरिका में इस बंदूक को 'दुश्मन का हथियार' कहा जाता है. इसके बावजूद अमेरिकी बंदूक प्रेमी और सैनिक इसे बहुत पसंद करते हैं.
क्या है AK का मतलब
AK का पूरा नाम रूसी भाषा में एवतोमैत कलाश्निकोव (Avtomat Kalashnikov) है. सामान्य भाषा में इसे कलाश्निकोव बुलाया जाता है. इसका नाम इसे बनाने वाले सीनियर सार्जेंट मिखाइल कलाश्निकोव के नाम पर है.
कौन थे मिखाइल कलाश्निकोव
द्वितीय विश्व युद्ध के समय मिखाइल कलाश्निकोव टैंक कमांडर थे. वे लड़ाई के दौरान घायल हो गए थे. उन्हें जर्मन हथियार और उनकी डिजाइन बहुत पसंद आती थी. वो खुद ऐसी राइफल बनाना चाहते थे, जो बिना फंसे लगातार किसी भी मौसम और किसी भी परिस्थिति में गोलियां बरसा सके. पांच साल इंजीनियरिंग करने के बाद पूर्व कृषि इंजीनियर मिखाइल कलाश्निकोव ने AK-47 बनाई. आज ही के दिन साल 2013 में उनकी मौत हो गई थी.
बेहद खतरनाक है कलाश्निकोव राइफल
AK-47 पूरी तरह से ऑटोमैटिक सेंटिंग के अंदर 600 राउंड गोली फायर कर सकता है. इसमें 7.62x39 mm की गोलियां भरी जाती हैं. सेमी-ऑटो मोड में 40 राउंड प्रति मिनट और बर्स्ट मोड में 100 राउंड प्रति मिनट निकलती है. आमतौर पर इसकी रेंज (Range) 350 मीटर है.