मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है. दोनों देशों के बीच बढ़ती तनातनी को एक और युद्ध की शुरुआत माना जा रहा है. हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले और कूटनीतिक तल्खी ने पश्चिम एशिया की चिंता बढ़ा दी है. अब अमेरिका शक जता है कि इजरायल पूरी ताकत से ईरान पर हमला कर सकता है.
ईरान या इजरायल... कौन बड़ा?
ईरान और इजरायल के बीच भौगोलिक अंतर बहुत बड़ा है. ईरान, मध्य पूर्व का एक विशाल देश, क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का 17वां सबसे बड़ा देश है. इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 16,51,000 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे भारत जैसे देशों के आकार के करीब लाता है. वहीं, इजरायल एक छोटा सा देश है, जिसका क्षेत्रफल केवल 20,770 वर्ग किलोमीटर है. यानी ईरान का क्षेत्रफल इजरायल से लगभग 80 गुना बड़ा है.
ईरान तीन तरफ पहाड़ी क्षेत्रों और दक्षिण में फारस की खाड़ी से घिरा हुआ है, जिससे इसे प्राकृतिक रक्षा मिलती है. दूसरी ओर, इजरायल पश्चिम में भूमध्य सागर, उत्तर में लेबनान और पूर्व में जॉर्डन से घिरा है, जो इसे रणनीतिक रूप से संवेदनशील बनाता है.
दोनों देशों के बीच की दूरी
ईरान और इजरायल की सीमाएं एक-दूसरे से नहीं मिलतीं. दोनों देशों के बीच हवाई दूरी लगभग 2,000 से 2500 किलोमीटर है, जो हमले की रणनीति को प्रभावित करती है. उदाहरण के लिए, ईरान को इजरायल पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों या ड्रोन्स की आवश्यकता होती है, जबकि इजरायल को ईरान पर हमले के लिए हवाई मार्ग में जॉर्डन, सीरिया या इराक जैसे देशों के हवाई क्षेत्र से गुजरना पड़ सकता है.
युद्ध की आशंका?
हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. 1 अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजरायली हमले, जिसमें सीनियर ईरानी कमांडर मारे गए. इसके बाद तनाव और बढ़ गया. जवाब में ईरान ने 13 अप्रैल और 1 अक्टूबर 2024 को इजरायल पर मिसाइलों की बारिश की. 26 अक्टूबर 2024 को इजरायल ने ईरान पर जवाबी हवाई हमला किया. हाल की खबरों के अनुसार, इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन भौगोलिक दूरी और ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों की मजबूती इसे चुनौतीपूर्ण बनाती है. ईरान ने हाल ही में दावा किया कि उसने इजरायल के परमाणु ठिकानों की गोपनीय जानकारी हासिल कर ली है और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. इससे मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और बढ़ गई है.