इजरायल और ईरान के बीच जंग जारी है. दोनों देशों आपस में मिसाइलों से अटैक कर रहे हैं. अमेरिका ईरान से सरेंडर करने की मांग कर रहा है. तेहरान के बिना शर्त सरेंडर करने वाली अमेरिका की इस मांग के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट किया है, जिसमें इजरायल को चेतावनी दी है. खामेनेई ने अपने इस पोस्ट में युद्ध शुरू होने का ऐलान किया है और लिखा है- "The battle begins". इसके साथ ही खोमेनेई ने पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसकी चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि ये तस्वीर किस बात का प्रतीक है और इसमें क्या मैसेज दिया गया है.
फोटो में क्या है?
खामेनेई के पोस्ट में जो फोटो शेयर की गई है, वो एक जंग की प्रतीकात्मक फोटो है. इसमें एक व्यक्ति की छवि नजर आ रही है, जो एक खास तलवार पकड़े हुए एक महल जैसे गेट में एंट्री ले रहा है. इसके साथ ही इसमें आग की कुछ लपटें दिखाई दे रही हैं और फोटो पर कुछ लिखा हुआ है. इस फोटो के साथ खामेनई ने लिखा है- हैदर के नाम पर, युद्ध शुरू होता है.
आपको बता दें कि इमाम अली का दूसरा नाम हैदर भी है, जिन्हें शिया इस्लाम में काफी सम्मानीय माना जाता है. इसके बाद खामेनेई ने एक और ट्वीट में चेतावनी दी है, 'हमें आतंकवादी जियोनिस्ट शासन को कड़ा जवाब देना होगा. हम जियोनिस्ट पर कोई दया नहीं दिखाएंगे."

क्या है इस फोटो की कहानी?
ये तस्वीर जाहिर तौर पर इजरायल के खिलाफ युद्ध के ऐलान का प्रतीक मानी जा रही है. ईरान इंटरनेशनल न्यूज़ आउटलेट की ओर से किए गए अनुवाद के अनुसार, पोस्ट में कहा गया है- 'अली खैबर लौट रहे हैं.' वहीं, द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये यह कथन यहूदी शहर खैबर पर विजय को दिखाता है.
हजरत अली इस्लाम के चौथे खलीफा थे. शिया मुसलमान उन्हें पहला इमाम भी मानते हैं. पोस्ट को मूल रूप से फारसी में शेयर किया गया था. इस फोटो में उस लड़ाई को दिखाया गया है, जिसमें हजरत अली की सेना ने खैबर के यहूदियों को हराया था.

क्या है इस फोटो की कहानी?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली नदीम रिजवी ने बताया है कि ये तस्वीर मुस्लिम जीत के लिए 'युद्ध की पुकार' का सिंबल है. 629 हिजरी साल (इस्लामिक कैलेंडर) में हजरत अली की सेना और खैबर के यहूदियों के बीच लड़ाई लड़ी गई. खैबर की लड़ाई में, पैगंबर ने हजरत अली को किले पर विजय प्राप्त करने के लिए भेजा था.
इस दौरान जुल्फिकार के जरिए अली ने यहूदी कमांडर मरहब को मार दिया था और यहूदियों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया. कहा जाता है संख्या में कम होने के बावजूद मुस्लिम हताहतों की संख्या काफी कम थी. जुल्फिकार हजरत अली की तलवार का नाम है, यह वही तलवार है जिससे हजरत अली ने बहुत सी लड़ाई लड़ी और सभी में जीत हासिल की.
ये लड़ाई शिया मुस्लिमों के लिए काफी अहम है क्योंकि यह हजरत अली की बहादुरी और तलवार जुल्फिकार की विरासत की पुष्टि करती है. इस फोटो के जरिए खैबर का संदर्भ देकर, खामेनेई ने यहूदियों पर हजरत अली की विजय और ईरान के वर्तमान रुख के बीच समानताएं बताई हैं.
ईरान और इजरायल युद्ध में क्या है अपडेट?
बता दें कि 13 जून 2025 को इज़रायल ने ऑपरेशन राइज़िंग लायन शुरू किया. इस ऑपरेशन में ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया गया था. इस जंग में अभी तक ईरान में 224 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है और करीब 1500 लोग घायल हो गए हैं. वहीं, इजरायल में 24 लोगों के मारे जाने की खबर है.