बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बीच शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद शेख हसीना बांग्लादेश से निकल गई हैं और अभी भारत पहुंची है. बताया जा रहा है कि शेख हसीना भारत में ज्यादा देर नहीं रुकेंगी और इसके बाद लंदन चली जाएगी. वहीं, आर्मी चीफ का कहना है कि वे बांग्लादेश में जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन करेगी. इसी बीच, सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए लोग बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं. दरअसल, हिंदु मंदिरों पर हुए अटैक के बाद लोग हिंदुओं की बात कर रहे हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में अराजक तत्वों ने हिंदुओं के घर, मंदिर, इस्कॉन आदि पर अटैक किया है. अब तख्तापलट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स 'ऑल आइज ऑन हिंदू' के साथ ट्वीट कर रहे हैं. ऐसे में जानते हैं कि आखिर बांग्लादेश में कितने हिंदू रहते हैं और उनकी जनसंख्या का ग्राफ किस तरह रहा है. साथ ही जानते हैं कि बांग्लादेश में किस तरह से हिंदू रहते हैं और क्या उन्हें किसी दिक्कत का सामना करना पड़ता है...
बांग्लादेश में कितने हिंदू?
worldometers के हिसाब से बांग्लादेश की कुल जनसंख्या 17,48,74,667 है. इसमें 91 फीसदी जनसंख्या मुसलमानों की हैं और इसमें सुन्नी मुस्लिम ज्यादा हैं. इसके बाद सबसे ज्यादा संख्या में हिंदू रहते हैं और रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लादेश में करीब 8 फीसदी हिंदू रहते हैं. हिंदुओं के बाद यहां बौद्ध और ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या है. बांग्लादेश के Chittagong Hills में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है.

ये कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जब साल 1951 में बांग्लादेश में जनगणना की गई थी, उस वक्त बांग्लादेश की जनसंख्या में 22 फीसदी हिंदू थे और अब ये प्रतिशत लगातार कम होता जा रहा है. इसके बाद साल 2011 में जनगणना करवाई गई तो ये प्रतिशत 8.5 फीसदी रह गया था और अब ये 8 फीसदी से भी कम है. वहीं, जनसंख्या में मुस्लिम हिस्सेदारी 76 फीसदी से 91 फीसदी हो गई है.
अगर संख्या के हिसाब से देखें तो बांग्लादेश में करीब 15 करोड़ मुसलमान हैं और इसके बाद 1.31 करोड़ जनसंख्या हिंदुओं की है. इनके अलावा बांग्लादेश में 10 लाख बौद्ध धर्म को मानने वाले, 4.95 लाख ईसाई और 1.98 लाख दूसरे धर्मों को मानने वाले लोग हैं.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के अनुसार, साल 1964 और 2013 के बीच, 11 मिलियन से अधिक हिंदू धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश से भाग गए. साथ ही बताया जा रहा है कि हर साल 230,000 हिंदू देश छोड़ रहे हैं. डीडब्ल्यू के अनुसार, 2011 की जनगणना से पता चला कि 2000 से 2010 के बीच देश की आबादी से दस लाख हिंदू गायब हो गए.