दुनिया में हर देश किसी न किसी खास वजह से पहचाना जाता है. कोई अपने पहाड़ों के लिए मशहूर है, कोई रेगिस्तान के लिए, तो कोई खूबसूरत फूलों के लिए. जापान ऐसा देश है, जिसे पूरी दुनिया चेरी ब्लॉसम यानी सकुरा के फूलों के कारण जानती है. इसी वजह से जापान को 'चेरी ब्लॉसम की भूमि' कहा जाता है.
जापान में चेरी ब्लॉसम क्यों खास हैं?
जापान में वसंत ऋतु आते ही हर तरफ चेरी के पेड़ खिल जाते हैं. सड़कों के किनारे, पार्कों, नदियों के पास, स्कूलों और मंदिरों में गुलाबी और सफेद फूल बिखरे दिखते हैं. ये नजारा इतना सुंदर होता है कि देश-विदेश से लोग इसे देखने जापान पहुंचते हैं. जापानी लोगों के लिए चेरी ब्लॉसम सिर्फ फूल नहीं हैं, बल्कि ये जिंदगी का संदेश देते हैं. ये सिखाते हैं कि जीवन खूबसूरत है, लेकिन थोड़े समय के लिए होता है, इसलिए हर पल का आनंद लेना चाहिए.
चेरी ब्लॉसम का सांस्कृतिक महत्व
चेरी के फूल जापान की संस्कृति, कविता, कला और फिल्मों का अहम हिस्सा हैं. इन्हें नई शुरुआत, उम्मीद, प्यार और बदलाव का प्रतीक माना जाता है. यही कारण है कि सकुरा को जापान का राष्ट्रीय फूल भी माना जाता है.
हानामी उत्सव क्या है?
चेरी ब्लॉसम के मौसम में जापान में 'हानामी' नाम का त्योहार मनाया जाता है, जिसका मतलब होता है 'फूलों को निहारना'. इस दौरान लोग परिवार और दोस्तों के साथ पेड़ों के नीचे बैठते हैं, खाना खाते हैं और खुशियां मनाते हैं.
चेरी ब्लॉसम का मौसम
जापान में चेरी ब्लॉसम आमतौर पर मार्च से अप्रैल के बीच खिलते हैं. ठंडे इलाकों में यह मौसम मई तक भी चल सकता है. लोग टीवी और मोबाइल पर फूलों के खिलने की खबरें देखते हैं ताकि सही समय पर इन्हें देख सकें. चेरी ब्लॉसम जापान की पहचान है. ये फूल लोगों को जोड़ते हैं, खुशी देते हैं और जीवन का असली मतलब समझाते हैं. इसी गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से जापान को गर्व से 'चेरी ब्लॉसम की भूमि' कहा जाता है