scorecardresearch
 
Advertisement
नॉलेज

आसमान में भी बह रही हैं नदियां, जो धरती पर आकर मचाती हैं तबाही!

sky rivers
  • 1/10

हम सोचते हैं नदियां सिर्फ ज़मीन पर बहती हैं, लेकिन The Washington Post की नई वैज्ञानिक जांच ने दिखाया है कि अब नदियां हवा में भी बहने लगी हैं. बढ़ती वैश्विक गर्मी ने हमारे आसमान को इतना नम कर दिया है कि हर सेकंड हवा में 35 मिसिसिपी नदियों जितना पानी घूम रहा है. यही 'हवा की नदियां' अब दुनिया भर में भारी, तेज़ और खतरनाक बारिशों की वजह बन रही हैं.
 

Photo: Freepik

waterlogged in sky
  • 2/10

The Post ने मौसम डेटा और कंप्यूटर मॉडल का उपयोग कर यह दिखाया है कि बढ़ते वैश्विक तापमान ने वायुमंडल को और ज़्यादा नम (waterlogged) बना दिया है. यानि अब हवा में पहले से कहीं अधिक जलवाष्प (water vapor) मौजूद है जो कि भारी तेज़, भारी और खतरनाक बारिशों को जन्म देता है.

Photo: Freepik
 

washington post sky moistue report
  • 3/10

पिछले 85 सालों में, पृथ्वी के वातावरण में घूमने वाली कुल जलवाष्प की मात्रा 12% बढ़ गई है. रिपोर्ट इसका उदाहरण देती है यह बढ़ोतरी हर सेकंड हवा में बहती 35 Mississippi नदियों के बराबर है. मतलब इतनी नमी हर सेकंड हवा में घूम रही है, जितना पानी 35 मिसिसिपी नदियों में होता है. इसे हवा में नदी होना कहा जा सकता है. नमी की यह नदियां आसमान में बहती रहती हैं और फिर धरती पर आकर तबाही मचाती हैं.

Photo: Freepik

Advertisement
flood
  • 4/10

लेकिन यह नमी दुनिया भर में समान रूप से नहीं फैली है. कुछ जगहों पर यह बहुत ज़्यादा है, जिससे वहां बाढ़ और भारी बारिश का खतरा ज्यादा है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह खोज लोगों को यह समझने में मदद करेगी कि भारी बारिश भी एक गंभीर जलवायु खतरा है.
 

Photo: Freepik

NOAA
  • 5/10

बारिश देखने में साधारण लगती है बस छतरी या रेनकोट की जरूरत लेकिन असल में यह बेहद विनाशकारी ताकत रखती है. NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) के जलविज्ञानी एड क्लार्क कहते हैं, 'हमें पानी की ताकत को नए सिरे से समझने की ज़रूरत है. जैसे जैसे दुनिया गर्म हो रही है और वातावरण में जलवाष्प बढ़ रही है, हम कुछ ऐसा देख रहे हैं जो इंसानों ने पहले कभी नहीं देखा.'
 

Photo: Freepik

water forecast
  • 6/10

जब और गर्मी मिलती है तो ये अणु और तेज़ी से हिलते हैं, जिससे वे आपस में जुड़ नहीं पाते और हवा में जलवाष्प बनकर उड़ जाते हैं. जब हवा में बहुत ज्यादा Moisture जमा हो जाता है, तो अणु आपस में टकराते हैं, जुड़ते हैं और फिर ठंडक मिलने पर संघनित होकर बारिश बन जाते हैं.
 

Photo: Freepik

hurricane
  • 7/10

आमतौर पर यह नमी समुद्र से उठती है और हवा के रुख के साथ जमीन की ओर बढ़ती है. जब गर्म और नम हवा किसी ठंडी हवा या पहाड़ी इलाके से टकराती है, तो वह ऊपर उठती है, ठंडी होती है और बारिश या बर्फ बन जाती है. ऐसा ही कुछ स्पेन के वेलेंसिया (Valencia) में हुआ, जहां 29 अक्टूबर 2024 को इतिहास की सबसे भयावह बाढ़ आई.
 

Photo: Freepik

moisture plumps in sky
  • 8/10

The Post के विश्लेषण के मुताबिक, दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में ऐसी 'moisture plumes' यानी वाष्प प्रवाह पिछले 30 वर्षों में 15% तक बढ़े हैं. सबसे ज्यादा वृद्धि पश्चिमी अफ्रीका, भूमध्य सागर, दक्षिण पूर्व एशिया और उत्तर यूरोप में हुई है. 2024 में वेलेंसिया, वियतनाम, म्यांमार और नेपाल में आई भयंकर बाढ़ें भी इन्हीं इलाकों में हुईं, जहां आसमान में सबसे ज्यादा नमी थी. जहा ये नमी की धाराएं सबसे ज्यादा तेज़ हुई हैं.
 

Photo: Freepik

heavy rain causes
  • 9/10

कोरिया में लगभग 70% भारी बारिश वाले दिन ऐसे हैं जब हवा में नमी बहुत ज्यादा होती है. जैसे जैसे इंसान धरती को गर्म कर रहे हैं, वैसे वैसे हवा में जलवाष्प की मात्रा और उसकी गति बढ़ती जा रही है, जिससे भविष्य में बाढ़ और बारिशें पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक होंगी.

Photo: Freepik

Advertisement
Weather Forecast Report
  • 10/10

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग की हाइड्रोलॉजिस्ट हन्ना क्लोक कहती हैं , 'सिर्फ मौसम का सटीक पूर्वानुमान काफी नहीं है. जब तक इंजीनियर, प्लानर, अफसर और आम लोग इस खतरे को गंभीरता से नहीं समझेंगे, तब तक लोग मरते रहेंगे.इंजीनियरों को मजबूत पुल और जलनिकासी प्रणाली बनानी होगी. शहर नियोजकों को बाढ़ संभावित इलाकों में निर्माण रोकना होगा,

Photo: Freepik

Advertisement
Advertisement