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JEE Mains 2025 Cut-off: पिछले साल से कम रही कट-ऑफ, रैंक डिसाइड करने वाले नियम भी बदले!

JEE Mains 2025 Cut-Off: दो साल बाद विद्यार्थियों के हायर एनटीए स्कोर में टाइ होने पर रैंक के निर्धारण के नियम में बदलाव किया गया है. इस साल 7 मापदंड निर्धारित किए गए, जिसमें यदि दो विद्यार्थियों के टोटल एनटीए स्कोर समान आते हैं तो ऑल इंडिया रैंक निर्धारण में सबसे पहले मैथेमेटिक्स का एनटीए स्कोर देखा जाता है.

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JEE Mains Result session 2 (सांकेतिक तस्वीर)
JEE Mains Result session 2 (सांकेतिक तस्वीर)

JEE Mains 2025 Cut-Off: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को देश की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE Mains) 2025 का परिणाम घोषित कर दिया है. साथ ही जेईई एडवांस्ड के लिए जेईई मेन्स की कट-ऑफ भी जारी की है. पिछले साल के मुकाबले जेईई एडवांस्ड की कट-ऑफ में कमी देखी गई. राजस्थान की कोचिंग नगरी कोटा में जेईई टीचर और करियर काउंसलर ने बताया कि दो साल बाद एनटीए ने रैंक निर्धारण के नियमों में बदलाव किया है.

कौन दे सकता है जेईई एडवांस्ड?
जेईई-मेन 2025 के परिणामों के अनुसार, शीर्ष 2.5 लाख विद्यार्थी जेईई-एडवांस्ड एग्जाम दे सकते हैं. इस साल जेईई मेन्स रिजल्ट 2025 के आधार पर सामान्य श्रेणी की कटऑफ 93.1023262, ईडब्ल्यूएस की 80.3830119, ओबीसी की 79.4313582, एससी की 61.1526933 और एसटी की 47.9026465 पर्सेन्टाइल रही. गत वर्ष सामान्य श्रेणी की कटऑफ 93.2362181 थी, जो इस बार थोड़ी कम हुई है. 

एनटीए ने ठीक की आंकड़ों की गलती
कोटा में करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को संशोधित प्रेस रिलीज जारी कर आंकड़ों में गलती को सुधारा. एनटीए ने शुक्रवार रात जारी प्रेस रिलीज में छात्र-छात्राओं के आंकड़ों में गलती की थी. छात्राओं की संख्या को छात्रों की संख्या में दर्शाया गया था और दोनों सत्रों के परीक्षार्थियों की कुल संख्या में भी गलती थी. इसे लेकर सवाल उठे तो शनिवार को एनटीए ने संशोधित फाइनल आंसर-की रिलीज जारी कर इन गलतियों को ठीक किया.

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रैंक निर्धारण के नियमों में दो साल बाद बदलाव

एक्सपर्ट ने बताया कि दो साल बाद विद्यार्थियों के हायर एनटीए स्कोर में टाइ होने पर रैंक के निर्धारण के नियम में बदलाव किया गया है.

उम्र का मापदंड हटाया गया: पहले अधिक उम्र वाले विद्यार्थी को प्राथमिकता मिलती थी, लेकिन अब यह नियम लागू नहीं है.

आवेदन संख्या हटाई गई: पहले आवेदन संख्या के आधार पर टाई तोड़ा जाता था, लेकिन अब यह मापदंड भी हटा दिया गया है.

समान रैंक का प्रावधान: यदि सात मापदंडों के बाद भी टाई रहता है, तो विद्यार्थियों को समान रैंक दी जाएगी, जो पहले नहीं था. इससे कई विद्यार्थियों को एक ही रैंक (जैसे AIR-1) मिल सकती है, जैसा कि 2025 में 300/300 स्कोर वाले 24 विद्यार्थियों के साथ हुआ.

अगर दो विद्यार्थियों के टोटल एनटीए स्कोर समान आते हैं तो ऑल इंडिया रैंक डिसाइड करने के लिए सबसे पहले मैथेमेटिक्स का एनटीए स्कोर देखा जाता है. मैथ्स का स्कोर समान है तो फिजिक्स, इसके बाद केमिस्ट्री का एनटीए स्कोर और फिर सही-गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है. इस स्थिति में टाइ होने पर विषयवार मैथेमेटिक्स के सही व गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है.

इसके बाद भी स्कोर टाइ होता है तो फिजिक्स के सही और गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है. फिर टाइ होने पर केमिस्ट्री के सही एवं गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है.

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कितने विद्यार्थियों ने दी जेईई मेन्स 2025 की परीक्षा?
एनटीए के आंकड़ों के अनुसार, जेईई-मेन 2025 के दोनों सत्रों में 15,39,848 यूनिक उम्मीदवार पंजीकृत हुए, जिनमें 14,75,103 ने परीक्षा दी. 7,75,383 विद्यार्थियों ने दोनों सत्रों की परीक्षा दी. कुल विद्यार्थियों में 9,73,784 छात्र और 5,01,319 छात्राएं थीं.

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