सूचना के अधिकार का डंडा पकड़कर उसने ऐसा झंडा गाड़ा था कि लोग उसे सच का सिपाही समझने लगे थे. फिर एक दिन सच के सिपाही की लाश जली हुई हालत में मिलती है और कार के अंदर से मिलती है एक लाश.