इजरायल और मध्य पूर्व में सक्रिय आतंकी संगठनों के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. हाल ही में यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल के बेन गुरियन एयरपोर्ट पर किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले ने स्थिति को और विस्फोटक बना दिया है.
इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए बहु-चरणीय जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. नेतन्याहू ने इसे केवल एक हमले का जवाब नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक व्यापक अभियान बताया है. जिसमें हूतियों के साथ-साथ उनके पीछे खड़े ईरान को भी निशाना बनाने की बात कही जा रही है.
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बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हूती हमला: क्या हुआ?
5 मई 2025 को यमन से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इजरायल के सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डे, बेन गुरियन एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 से मात्र 75 मीटर दूर गिरी. इस हमले को रोकने में इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे दुनिया के सबसे उन्नत सिस्टमों में से एक माना जाता है नाकाम रहा.
मिसाइल के गिरने से 25 मीटर गहरा गड्ढा बन गया. आसपास के क्षेत्रों में दहशत फैल गई. हालांकि, मिसाइल सीधे एयरपोर्ट की इमारतों से नहीं टकराई, जिसके कारण बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान टल गया. हमले में छह लोग मामूली रूप से घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
हूती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि यह गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में किया गया. गाजा में हमास और इजरायल के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बाद हूतियों ने इजरायल के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को तेज कर दिया है. इससे पहले हूतियों ने लाल सागर में इजरायल और अमेरिका के जहाजों पर भी हमले किए थे, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया.।
नेतन्याहू की प्रतिक्रिया: 'धमाके और होंगे'
हमले के तुरंत बाद नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने हूतियों को चेतावनी दी कि "यह सिर्फ एक धमाका नहीं होगा, बल्कि कई धमाके होंगे. उन्होंने कहा कि हमने पहले भी हूतियों पर कार्रवाई की है. आगे भी करेंगे. यह जवाब बहु-चरणीय होगा. हम अमेरिका के साथ मिलकर उनके खिलाफ काम कर रहे हैं. नेतन्याहू ने यह भी संकेत दिया कि हूतियों को समर्थन देने वाले ईरान को भी इसकी कीमत चुकानी होगी.
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नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज और अन्य शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें यमन में हूती ठिकानों पर सीधे हमले की संभावनाओं पर चर्चा की गई. इसके अलावा उनकी सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक में गाजा में सैन्य अभियान के विस्तार, सीरिया में स्थिति और हूती हमलों जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया.
इजरायल के रक्षा मंत्री कैट्ज ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जो हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उसे सात गुना ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे. यह बयान इजरायल की आक्रामक रणनीति को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य न केवल हूतियों को सबक सिखाना है, बल्कि ईरान समर्थित आतंकी नेटवर्क को कमजोर करना भी है.
हमास और हिजबुल्लाह के बाद हूती: नेतन्याहू का प्लान
नेतन्याहू का दावा है कि इजरायल ने हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को पहले ही भारी नुकसान पहुंचाया है, और अब हूतियों का नंबर है. आइए इन तीनों संगठनों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाइयों पर एक नजर डालें...
हमास
7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले, जिसमें 1200 लोग मारे गए. 250 से अधिक को बंधक बनाया गया ने गाजा में एक लंबा युद्ध शुरू किया. इजरायल ने ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स के तहत गाजा पर भारी बमबारी की, जिसमें 46000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए. हाल ही में 15 जनवरी 2025 को इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ, लेकिन नेतन्याहू ने मार्च 2025 में गाजा पर फिर से हमले शुरू किए, जिसमें हमास के राजनीतिक नेता सलाह अल-बर्दावील और उनकी पत्नी मारी गईं. नेतन्याहू ने हमास को "जड़ से उखाड़ने" की कसम खाई है.
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हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह, लेबनान का ईरान समर्थित संगठन, भी इजरायल के निशाने पर रहा है. 28 सितंबर 2024 को इजरायल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर भीषण हवाई हमला किया, जिसमें संगठन के नेता हसन नसरल्लाह के मारे जाने का दावा किया गया. हालांकि, हिजबुल्लाह ने इसकी पुष्टि नहीं की. इस हमले में नसरल्लाह की बेटी जैनब की भी मौत की खबर आई, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. इजरायल ने हिजबुल्लाह के कई कमांडरों और ठिकानों को नष्ट करने का दावा किया है. बेरूत में लगातार हमले जारी हैं.
हूती विद्रोही
हूती, जो यमन में सक्रिय हैं, गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल के खिलाफ हमले तेज कर चुके हैं. लाल सागर में जहाजों पर हमले और अब बेन गुरियन एयरपोर्ट पर मिसाइल हमला हूतियों की बढ़ती आक्रामकता को दर्शाता है. नेतन्याहू का प्लान अब हूतियों के ठिकानों को निशाना बनाने और उनके हथियारों की आपूर्ति को रोकने का है. विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल यमन में सीधे हवाई हमले कर सकता है, जिसमें अमेरिका का समर्थन भी मिल सकता है.
ईरान: असली निशाना?
नेतन्याहू ने अपने बयानों में बार-बार हूतियों को "ईरान की कठपुतली" बताया है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल का असली निशाना ईरान है, जो हमास, हिजबुल्लाह और हूतियों को हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान करता है. नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि हूतियों से पूछें कि हमास का याह्या सिनवार और हिजबुल्लाह का हसन नसरल्लाह कहां हैं. यह इशारा ईरान के खिलाफ प्रत्यक्ष कार्रवाई की संभावना की ओर है.
ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ अपनी स्थिति कड़ी की है. 1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने हसन नसरल्लाह और हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत का बदला लेने के लिए इजरायल पर 180 से अधिक मिसाइलें दागी थीं. इस तरह मध्य पूर्व में एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ रही है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका: अमेरिका ने इजरायल के साथ हूतियों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग की बात कही है. नेतन्याहू ने भी अपने बयान में अमेरिका के समर्थन का जिक्र किया.
एयर इंडिया: हमले के कारण दिल्ली से तेल अवीव जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI139 को अबू धाबी डायवर्ट करना पड़ा. एयर इंडिया ने 6 मई 2025 तक तेल अवीव की सभी उड़ानें स्थगित कर दी हैं.
लेबनान और यमन: लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के हमलों ने बेरूत को युद्धक्षेत्र बना दिया है, जबकि यमन में हूती विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ और हमले करने की धमकी दी है.
क्या होगा अगला कदम?
नेतन्याहू का प्लान स्पष्ट है. हमास और हिजबुल्लाह की तरह हूतियों को भी कमजोर करना. इसके लिए इजरायल निम्नलिखित कदम उठा सकता है.
यमन में हवाई हमले: हूती ठिकानों, हथियार डिपो और कमांड सेंटरों पर सीधे हमले.
लाल सागर में नौसैनिक कार्रवाई: हूतियों की समुद्री गतिविधियों को रोकने के लिए नौसैनिक अभियान.
ईरान पर दबाव: कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर ईरान को अलग-थलग करना.
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ मिलकर हूतियों के खिलाफ गठबंधन बनाना.
हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि हूतियों के खिलाफ कार्रवाई क्षेत्रीय युद्ध को और भड़का सकती है, जिसमें ईरान, सीरिया और अन्य देश शामिल हो सकते हैं. इससे मध्य पूर्व में अस्थिरता और बढ़ेगी.