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पाकिस्तान और चीन की बढ़ेगी निगरानी, आतंक पर लगेगी लगाम, घुसपैठ होगी नाकाम... बॉर्डर पर तैनात होंगे नौ लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम

रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में मंजूर की गई इस आपातकालीन खरीद के तहत ये 9 नए सिस्टम जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी और घुसपैठ विरोधी अभियानों को मजबूत करने के उद्देश्य से खरीदे जा रहे हैं.

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यह सिस्टम ड्रोन को विफल कर देता है और दुश्मन के सेंसरों को नष्ट कर देता है.
यह सिस्टम ड्रोन को विफल कर देता है और दुश्मन के सेंसरों को नष्ट कर देता है.

पाकिस्तान और चीन सीमा पर निगरानी बढ़ाए जाने की तैयारी कर ली गई है. भारतीय सेना इन दोनों देशों के बॉर्डर पर नौ लेजर आधारित काउंटर ड्रोन सिस्टम तैनात करने की तैयारी में है. लेजर आधारित काउंटर ड्रोन सिस्टम के जरिए ना सिर्फ आतंकवाद विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगेगी, बल्कि सीमा पार से घुसपैठ भी नाकाम होगी.

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भारत जब प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में नई सफलताएं हासिल कर रहा है, ऐसे समय में भारतीय सेना 9 और लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम हासिल करने जा रही है. ये खरीद ‘आपातकालीन खरीद अधिकारों’ के तहत की जा रही है.

भारतीय सेना पहले ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित सात 'इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम' को शामिल कर चुकी है.

रक्षा अधिकारियों ने क्या बताया...

रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में मंजूर की गई इस आपातकालीन खरीद के तहत ये 9 नए सिस्टम जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी और घुसपैठ विरोधी अभियानों को मजबूत करने के उद्देश्य से खरीदे जा रहे हैं. रक्षा अधिकारियों ने आजतक को बताया कि इन प्रणालियों का उपयोग हाल ही में उस समय किया गया, जब पाकिस्तान सेना के एक ड्रोन को जम्मू क्षेत्र में 16 कॉर्प्स की जिम्मेदारी वाले इलाके में मार गिराया गया.

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उन्होंने बताया कि यह ड्रोन चीनी मूल का था और इसे भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने मार गिराया, जो पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में तैनात हैं. यह प्रणाली 2 किलोवॉट की लेजर बीम से लैस है, जो 800 से 1000 मीटर की प्रभावी रेंज में दुश्मन के ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखती है.

DRDO द्वारा विकसित यह प्रणाली भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा सक्रिय रूप से एंटी-ड्रोन अभियानों में इस्तेमाल की जा रही है. भारत अब इससे भी ज्यादा शक्तिशाली 30 किलोवॉट की लेजर आधारित एंटी-ड्रोन प्रणाली विकसित कर चुका है, जो बड़े ड्रोन, विमान और क्रूज मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम है. इसे एक संपूर्ण वायु रक्षा प्रणाली के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

यह नई प्रणाली अगले दो वर्षों में तैनाती के लिए तैयार होने की उम्मीद है और इसके जरिए भारत उन चुनिंदा देशों की लीग में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसी आधुनिक तकनीक मौजूद है.

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