अमोनियम नाइट्रेट, जो किसानों के लिए खाद है वो विस्फोटक के रूप में जानलेवा साबित हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, मात्र 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट का धमाका 100 मीटर के दायरे में भारी तबाही मचा सकता है. बेरूत धमाके की यादें ताजा करते हुए, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह सस्ता रसायन आतंकी हमलों या दुर्घटनाओं में बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. आरडीएक्स जैसे सैन्य विस्फोटकों से इसका अंतर जानना जरूरी है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए गिरफ्तार डॉक्टर आदिल अहमद की निशानदेही पर हरियाणा के फरीदाबाद से 300 किलो विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है.
यहां नीचे देखिए बेरूत धमाके का Video
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विशेषज्ञों का अनुमान है कि 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, अगर डीजल जैसे ईंधन से मिलाया जाए, तो 140 किलोग्राम टीएनटी के बराबर ऊर्जा पैदा करता है. ये गणना हॉपकिंसन-क्रैंज नियम के आधार पर की जाती है.

शहर के बीच में ऐसा धमाका 500-1000 लोगों की जान ले सकता है. गर्मी की लहर से आग लगने का जोखिम भी बढ़ता है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक अधिकारी ने कहा कि अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षित गोदामों में रखना अनिवार्य है, वरना बेरूत जैसी त्रासदी दोहराई जा सकती है.
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अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स (रिसर्च डिपार्टमेंट एक्सप्लोसिव) दोनों विस्फोटक हैं, लेकिन इनमें जमीन-आसमान का फर्क है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक कहते हैं कि आरडीएक्स सैन्य हथियारों के लिए है, जबकि अमोनियम नाइट्रेट खनन और खेती के लिए.

1 किलोग्राम आरडीएक्स से दीवार तोड़ी – सिर्फ छोटा सा बम, लेकिन पूरा हिस्सा उड़ गया. अगर अमोनियम नाइट्रेट होता, तो ज्यादा मात्रा चाहिए होती. आरडीएक्स तेज और सटीक, अमोनियम नाइट्रेट सस्ता लेकिन अनियंत्रित.