स्कॉटलैंड में एक वरिष्ठ डॉक्टर द्वारा अपनी जूनियर के साथ छेड़छाड़ का अनोखा मामला सामने आया है. कोर्ट ने डॉक्टर को छेड़खानी का दोषी तो करार दिया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
दरअसल कोर्ट के इस फैसले के पीछे दोषी करार दिए गए डॉक्टर के व्यवहार में आया बदलाव है. कोर्ट ने आरोपी डॉक्टर पर प्रतिबंध न लगाने के पीछे तर्क देते हुए कहा कि आपके साथी डॉक्टरों ने बताया कि आपको अपने किए पर काफी पछतावा है और कोर्ट को पूरा भरोसा है कि आप भविष्य में यह गलती नहीं दोहराएंगे.
न्यूज वेबसाइट 'डेलीमेल' के मुताबिक, घटना स्कॉटलैंड के एलगिन में स्थित डॉक्टर ग्रे हॉस्पिटल की है. हॉस्पिटल के सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन 48 वर्षीय डॉक्टर मिलिंद मेहता पर उनकी एक जूनियर डॉक्टर ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया.
जूनियर डॉक्टर के मुताबिक, उसने जब डॉक्टर मेहता से अपने ब्वॉयफ्रैंड के कैंसर पीड़ित होने की बात बताई तो उन्होंने सांत्वना देने के बहाने उसे अपने चेंबर में बुलाया. डॉक्टर मेहता ने पीड़िता को अपना एक स्लाइड शो दिखाने के बहाने बुलाया था.
पीड़िता ने बताया कि लेकिन जब वह उनके चेंबर में पहुंची तो उन्होंने कंप्यूटर ऑन ही नहीं किया और बात करते हुए उसे दबोच लिया. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी डॉक्टर ने उसकी गर्दन पर कई बार किस किया.
इतना ही नहीं डॉक्टर मेहता पर अपने बेटे का इलाज कराने हॉस्पिटल आई एक सीनियर महिला मैनेजर ने भी छेड़खानी का आरोप लगाया. लेकिन तमाम आरोप साबित होने के बावजूद डॉक्टर मेहता को कोर्ट ने बरी कर दिया.
इस बीच डॉक्टर मेहता को अपने किए पर इतना पछतावा हुआ कि उन्होंने अन्य डॉक्टरों के सामने खुद को सबक लेने वाले उदाहरण के तौर पर पेश किया. डॉक्टर मेहता ने मोलेस्टेशन के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए एक प्रेजेंटेशन तैयार किया और उसमें खुद को ही उदाहरण बना डाला.
यहां तक कि डॉक्टर मेहता ने खुद इस प्रेजेंटेशन को एकबार एकसाथ 75 डॉक्टरों के सामने प्रेजेंट किया. डॉक्टर मेहता अब अपने जूनियर डॉक्टरों को बताते हैं कि वे उनसे सबक लें और जो गलती उन्होंने की उसे जूनियर डॉक्टर न दोहराएं.